झाबुआ:
मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पेटलावाद का न्यू बस स्टैंड हमेशा चहल-पहल से गुलजार हुआ करता था, मगर शनिवार सुबह हुए एक धमाके ने यहां शवों का अंबार लगा दिया। धमाके की आवाज जहां कई किलोमीटर तक सुनी गई, वहीं इसने कई परिवारों के चिराग बुझा दिए।
शनिवार सुबह बस स्टैंड के सेठिया होटल का नजारा आम दिनों की तरह था, सुबह के साढ़े आठ बजे बड़ी संख्या में यात्रा पर निकलने वाले लोग चाय-नाश्ते में व्यस्त थे, तभी एक धमाका हुआ और पल भर में ही यहां का नजारा बदल गया, हंसते मुस्कुराते हुए यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे लोगों के शरीर लोथड़ों में बदल गए और वे ऐसी यात्रा पर निकल पड़े, जहां से कोई लौटकर नहीं आता।
हादसा स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर दूसरे स्थान पर नाश्ता कर रहे बाबू भाई ने कहा, 'उन्होंने धमाका सुना और घटनास्थल की ओर भागे। मौके पर पहुंचे तो देखते हैं कि धूल का गुबार छाया हुआ था, शव बिखरे पड़े थे, एक बच्ची चिल्ला रही थी, जिसे निकाला गया।' सेठिया होटल के मालिक ने उनसे कहा कि सब खत्म हो गया।
हादसे के बाद पेटलावाद के लोग राहत और बचाव कार्य में जुट गए, घायलों की मदद शुरू कर दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि विस्फोट से इतना ज्यादा नुकसान सिर्फ गैस सिलेंडर के फटने से नहीं हुआ है, बल्कि उत्खनन के उपयोग में लाई जाने वाली जिलेटिन की छड़ों और डिटोनेटर की वजह से हुआ है। एक उस दुकान में भी धमाका हुआ है, जहां विस्फोटक रखा जाता था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्यादा नुकसान की वजह जिलेटिन की छड़ों में विस्फोट होना है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलवा ने भी इसे नहीं नकारा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी धमाके की दो वजहें सामने आने की बात कही है।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि यह धमाका इतना जबरदस्त था कि कई किलोमीटर तक आवाज सुनी गई और मौके पर रखे वाहनों के भी परखच्चे उड़ गए। कई दुकानें और मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
घायलों को विभिन्न अस्पतालों तक ले जाने वाली एम्बुलेंस के ड्राइवर ने मीडिया को बताया कि जब वह मौके पर पहुंचा तो बड़ी संख्या में शव बिखरे पड़े थे, कई गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
हादसा स्थल पर मातमी सन्नाटा छाया हुआ है, राहत और बचाव कार्य जारी है। इस काम में राहत व बचाव दल के साथ आम लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
शनिवार सुबह बस स्टैंड के सेठिया होटल का नजारा आम दिनों की तरह था, सुबह के साढ़े आठ बजे बड़ी संख्या में यात्रा पर निकलने वाले लोग चाय-नाश्ते में व्यस्त थे, तभी एक धमाका हुआ और पल भर में ही यहां का नजारा बदल गया, हंसते मुस्कुराते हुए यात्रा पर निकलने की तैयारी कर रहे लोगों के शरीर लोथड़ों में बदल गए और वे ऐसी यात्रा पर निकल पड़े, जहां से कोई लौटकर नहीं आता।
हादसा स्थल से लगभग एक किलोमीटर दूर दूसरे स्थान पर नाश्ता कर रहे बाबू भाई ने कहा, 'उन्होंने धमाका सुना और घटनास्थल की ओर भागे। मौके पर पहुंचे तो देखते हैं कि धूल का गुबार छाया हुआ था, शव बिखरे पड़े थे, एक बच्ची चिल्ला रही थी, जिसे निकाला गया।' सेठिया होटल के मालिक ने उनसे कहा कि सब खत्म हो गया।
हादसे के बाद पेटलावाद के लोग राहत और बचाव कार्य में जुट गए, घायलों की मदद शुरू कर दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि विस्फोट से इतना ज्यादा नुकसान सिर्फ गैस सिलेंडर के फटने से नहीं हुआ है, बल्कि उत्खनन के उपयोग में लाई जाने वाली जिलेटिन की छड़ों और डिटोनेटर की वजह से हुआ है। एक उस दुकान में भी धमाका हुआ है, जहां विस्फोटक रखा जाता था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ज्यादा नुकसान की वजह जिलेटिन की छड़ों में विस्फोट होना है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा अलवा ने भी इसे नहीं नकारा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी धमाके की दो वजहें सामने आने की बात कही है।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि यह धमाका इतना जबरदस्त था कि कई किलोमीटर तक आवाज सुनी गई और मौके पर रखे वाहनों के भी परखच्चे उड़ गए। कई दुकानें और मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं।
घायलों को विभिन्न अस्पतालों तक ले जाने वाली एम्बुलेंस के ड्राइवर ने मीडिया को बताया कि जब वह मौके पर पहुंचा तो बड़ी संख्या में शव बिखरे पड़े थे, कई गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
हादसा स्थल पर मातमी सन्नाटा छाया हुआ है, राहत और बचाव कार्य जारी है। इस काम में राहत व बचाव दल के साथ आम लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
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