नोएडा के जेवर हवाई अड्डे का विकास करने वाली कंपनी ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के बीच करार करने की समय सीमा को 15 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है क्योंकि कोरोना वायरस के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने की वजह से कंपनी के अधिकारी स्विट्जरलैंड से यहां नहीं आ पा रहे हैं. यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि इससे पहले यह करार जून महीने में होना तय हुआ था, जिसे बाद में 17 अगस्त तक बढ़ाया गया था. उन्होंने बताया कि नोएडा एयरपोर्ट का ठेका हासिल करने वाली कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार और नियाल से समय अवधि बढ़ाने का निवेदन किया था.
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उन्होंने बताया कि उनके निवेदन पर यह फैसला लिया गया है. प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी (पीएमआईसी) की संस्तुति पर सोमवार को अनुबंध करने की अंतिम तारीख आगे बढ़ाई गई है. नियाल के अधिकारियों ने बताया कि 15 अक्टूबर तक कभी भी समझौता किया जा सकता है, इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ज़्यूरिख़ के प्रतिनिधि इस समय अवधि में जब भी भारत आयेंगे तो उन्हें 14 दिन के लिये पृथक—वास में रहना होगा और इस अवधि जोड़कर समझौते की तिथि तय की जायेगी तथा उस तारीख को करार किया जायेगा.
उन्होंने बताया कि करार होने के बाद ही इसका शिलान्यास होगा और नियाल की तरफ से पहले ही दावा किया गया है, कि भले ही करार में देरी हो रही है, लेकिन इस एयरपोर्ट से उड़ान सेवा 2023 में शुरू करने का लक्ष्य है. गौरतलब है कि करीब 1,339 हेक्टेयर में बनाए जाने वाले इस हवाईअड्डे पर करीब 29,500 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
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