
जयंत सिन्हा ने दिया पिता यशवंत सिन्हा के सवालों का जवाब
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मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के समर्थन में उतरे जयंत
जीएसटी और नोटबंदी हैं गेमचेंजर
एक या दो तिमाही के नतीजों से आकलन करना ठीक नहीं
BJP के यशवंत सिन्हा का तंज: मोदी कहते हैं गरीबी करीब से देखी, अब जेटली सभी को दिखाने में जुटे
इससे पहले एनडीटीवी से यशवंत सिन्हा ने कहा कि 2019 के चुनावों से पहले अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना संभव नहीं है. यूपीए-2 की पॉलिसी पैरालाइसिस दूर करने की गंभीर कोशिश नहीं हो रही है.नितिन गडकरी के अलावा दूसरे किसी मंत्री ने ठोस काम नहीं किया. नोटबंदी और GST ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है. सरकार ने GST को लेकर जल्दबाज़ी दिखाई. GST को एक अक्टूबर को लागू किया जाना चाहिए था. अर्थव्यवस्था में डिमांड की कमी आने से नए रोज़गार पैदा नहीं हो रहा है. उम्मीद के मुताबिक अर्थव्यवस्था में नए निजी निवेश नहीं हो रहे हैं.
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गौरतलब है कि एक अंग्रेजी अखबार के जरिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर जमकर निशाना साधा था. सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी को और कमजोर करने में अहम भूमिका अदा की. तंज कसते हुए सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है, अब जिस तरीके से उनके वित्त मंत्री काम कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि वे सभी भारतीयों को गरीबी पास से दिखाएंगे. आज के समय में न ही नौकरी मिल रही है और न ही विकास तेज़ हो रहा है, जिसका सीधा असर इन्वेस्टमेंट और जीडीपी पर पड़ा है.
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यशवंत सिन्हा के मुताबिक- सरकार ने जीएसटी को जिस तरह लागू किया उसका भी नकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. जीडीपी अभी 5.7 फीसदी है, जबकि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने का तरीका बदला था. अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखा जाए तो आज जीडीपी 3.7 फीसदी है.
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