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This Article is From Jul 30, 2019

जयललिता की भतीजी दीपा ने लिया राजनीति से सन्यास का फैसला, कहा- मेरे साथ धोखा हुआ

दीपा दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु के बाद चर्चा में रही थी. उन्होंने अन्नाद्रमुक के दिवंगत नेता एमजी रामचंद्रन और जयललिता के नाम पर फरवरी 2017 में एमजीआर-अम्मा दीपा पेरावई पार्टी का गठन किया था.

जयललिता की भतीजी दीपा ने लिया राजनीति से सन्यास का फैसला, कहा- मेरे साथ धोखा हुआ
दीपा दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु के बाद चर्चा में रही थी.

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भतीजी जे. दीपा ने मंगलवार को राजनीति छोड़ने की घोषणा की है. वह कुछ ही समय के लिए राजनीति में रहीं और इसे एक बुरा अनुभव बताया. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा एक पार्टी का गठन किए जाने के बाद उन्हें धोखा दिया गया. दीपा ने कहा कि राजनीति में रहने के दौरान उन्होंने कई व्यक्तिगत आक्षेप का सामना किया और काफी अपशब्द सुनने को मिले. दीपा ने कहा कि यही वजह है मैं अब राजनीति छोड़ रही हूं.

दीपा दिसंबर 2016 में जयललिता की मृत्यु के बाद चर्चा में रही थी. उन्होंने अन्नाद्रमुक के दिवंगत नेता एमजी रामचंद्रन और जयललिता के नाम पर फरवरी 2017 में एमजीआर-अम्मा दीपा पेरावई पार्टी का गठन किया था. उसी साल दिसंबर में आर. के. नगर उपचुनाव लड़ने की भी कोशिश की थी. हालांकि, उनका नामांकन पत्र खारिज हो गया था. 

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दीपा ने कहा, ‘‘पार्टी के गठन के बाद इसे एक अलग दिशा में ले जाया गया और मुझे धोखा दिया गया.'' उन्होंने यहां टीवी चैनलों से कहा, ‘‘मैं इन सभी चीजों के लिए तैयार नहीं थी, कोई अनुभव नहीं था, राजनीति में मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था. मेरे पास रास्ता दिखाने वाला कोई सही व्यक्ति नहीं था.''

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दीपा ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह (राजनीति) एक बुरा अनुभव होगा.'' उन्होंने कहा कि राजनीति में उन्हें काफी गलत सुनने को मिला. दीपा ने कहा, ‘‘यदि महिलाओं को राजनीति में रहना है तो लोगों को उन्हें अपशब्द कहना बंद करना पड़ेगा. '' उन्होंने कहा कि यही एक वजह है जिसने उन्हें राजनीति छोड़ने के लिए मजबूर किया. दीपा ने यह भी कहा कि उनके समर्थक किसी भी पार्टी में शामिल होने के लिए स्वतंत्र हैं, हालांकि वह चाहेंगी कि वे लोग सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में जाएं.  (इनपुट-भाषा)

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