प्रतीकात्मक तस्वीर
श्रीनगर:
शमसाबरी रेंज में 13000 फुट की उंचाई वाले क्षेत्र में पीओके की तरफ से उत्तरी कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश कर रहे भारी हथियारों से लैस चार आतंकियों को ढेर कर शहीद होने वाले 36 वर्षीय हवलदार हंगपन दादा ने अद्भुत शौर्य का परिचय दिया। पिछले साल ही ऊंचाई वाले रेंज में तैनात किए गए, दादा कहे जाने वाले हवलदार की टीम ने गुरुवार को क्षेत्र में आतंकियों की गतिवधियां देखी और उन्हें मुठभेड़ के लिए ललकारने में जरा भी वक्त नहीं गवाया।
असम रेजीमेंट में थे दादा
1997 में सेना की असम रेजीमेंट में शामिल होने वाले दादा 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। यह बल अभी आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेता है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऊंचाई का फायदा उठाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तरफ से पार करने वाले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वह बुरी तरह घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा कि अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना अद्भुत शौर्य का परिचय देते हुए उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया। वह मौके पर डटे रहे, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे। मौके पर ही दो आतंकी मारे गए और तीसरा शुक्रवार को मुठभेड़ के बाद पहाड़ी से लुढककर मारा गया। एक आतंकी को उन्होंने खुद गोली मारी थी।
अरुणाचल के रहने वाले थे दादा
अधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती अरुणाचल प्रदेश में बोदुरिया गांव के निवासी दादा ने आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी के बीच अपने टीम के सदस्यों की जान बचाई। उनके शव को उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है, जहां पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदायी दी जाएगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
असम रेजीमेंट में थे दादा
1997 में सेना की असम रेजीमेंट में शामिल होने वाले दादा 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। यह बल अभी आतंकरोधी अभियानों में हिस्सा लेता है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऊंचाई का फायदा उठाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की तरफ से पार करने वाले आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में वह बुरी तरह घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा कि अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना अद्भुत शौर्य का परिचय देते हुए उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान किया। वह मौके पर डटे रहे, जहां आतंकवादी छिपे हुए थे। मौके पर ही दो आतंकी मारे गए और तीसरा शुक्रवार को मुठभेड़ के बाद पहाड़ी से लुढककर मारा गया। एक आतंकी को उन्होंने खुद गोली मारी थी।
अरुणाचल के रहने वाले थे दादा
अधिकारी ने बताया कि सुदूरवर्ती अरुणाचल प्रदेश में बोदुरिया गांव के निवासी दादा ने आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी के बीच अपने टीम के सदस्यों की जान बचाई। उनके शव को उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है, जहां पर सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदायी दी जाएगी।
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