दिल्ली पुलिस ने जयपुर से 2 ई-मित्रों को गिरफ्तार किया है, जो लोगों के बिजली या अन्य तरह के बिल ठगी के पैसों से जमा करते थे और 10 प्रतिशत कमीशन के लालच में झारखंड के जामताड़ा में बैठे ठगों के बताए बैंक अकाउंट में पैसे जमा कर देते थे. गिरफ्तार आरोपियों के नाम राधे गोपाल शर्मा और राहुल सैनी हैं. दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी अतुल ठाकुर के मुताबिक दिल्ली के छतरपुर के रहने वाले हानूश मेहरा ने मैदानगढ़ी थाने में शिकायत दी कि उन्हें किसी ने फोन कर बताया कि वो वोडाफोन के कस्टमर केयर सेंटर से बोल रहा है. आपका ई-सिम जनरेट किया जा रहा है. आपको एक मैसेज आएगा वो आपको 199 पर भेजना है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैसे ही मैसेज आया तो आरोपियों ने अपने नम्बर पर ई-सिम जनरेट कर लिया. इसके साथ ही हानूश के मोबाइल के पेटीएम के डिटेल्स भी गए, चूंकि पेटीएम हानूश के डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से कनेक्ट था. जामताड़ा में बैठे आरोपियों ने उनके 7 लाख से ज्यादा रुपये निकाल लिए.
कुछ इस तरह काम करता है गैंग
पुलिस के मुताबिक, पहले जामताड़ा में बैठे ठग वोडाफोन का अफसर बनकर फोन करते हैं, फोन करने वाले को ई सिम कार्ड का ऑफर देते हैं. इस बहाने से वो पीड़ित के सिम कार्ड के सभी डिटेल्स और ईमेल एड्रेस ले लेते हैं और इसके जरिये ई सिम जारी करा लेते हैं. ई सिम के जरिये पीड़ित के बैंक अकाउंट और वॉलेट अकॉउंट का डिटेल्स मिल जाता है फिर उसी सिम पर पीड़ित जैसा पेटीएम अकॉउंट बनाकर और उसी जैसी फ़र्ज़ी मेल आईडी के जरिये पीड़ित के बैंक अकाउंट से पैसे निकाल लेते हैं.
ई-मित्रों से करते हैं संपर्क
फिर जामताड़ा के ठग जयपुर और पंजाब के कुछ ई-मित्र, जो बिल जमा करते हैं उनसे संपर्क करते हैं. उनसे कहते हैं कि लोगों के बिल वो पेटीएम के जरिये जमा कर देंगे. ई-मित्र को हर बिल पर 10 परसेंट कमीशन का लालच देकर दिए गए बिल का अपने अकॉउंट में कैश जमा करवा लेते हैं.
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