हैदराबाद:
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में शनिवार को वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी की याचिका खारिज करते हुए उन्हें पांच दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया।
न्यायालय ने जगन की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध ठहराने की बात कही गई थी।
हालांकि सीबीआई जगन को 10 दिन के लिए हिरासत में लेना चाहती थी लेकिन न्यायालय ने तीन जून से पांच दिन के लिए ही अनुमति दी।
न्यायाधीश बी. चंद्र कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश ने शनिवार 3.30 बजे अपना फैसला सुनाया।
कडप्पा से सांसद जगन को सीबीआई ने 27 मई को गिरफ्तार किया था जिसके अगले दिन सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 11 जून तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह चंचलगुडा जेल में बंद हैं।
सीबीआई की विशेष अदालतन ने जगन की अंतरिम जमानत याचिका को ठुकरा दिया। जगन ने 10 जून तक जमानत देने की मांग की थी ताकि वह राज्य में हो रहे उप चुनावों के लिए प्रचार कर सकें।
न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह जगन को पूछताछ के दौरान प्रताड़ित न करे।
सीबीआई का मानना है कि जगन ने अपने पिता एवं मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ कम्पनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है जिन्होंने इनके व्यापार में निवेश किया था।
सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरिन पी. रावल ने जगन की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि वह सबूतों को नष्ट एवं गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जगन के अधिवक्ता ने गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए विरोध किया।
न्यायालय ने जगन की उस याचिका को भी खारिज कर दिया जिसमें उनकी गिरफ्तारी को अवैध ठहराने की बात कही गई थी।
हालांकि सीबीआई जगन को 10 दिन के लिए हिरासत में लेना चाहती थी लेकिन न्यायालय ने तीन जून से पांच दिन के लिए ही अनुमति दी।
न्यायाधीश बी. चंद्र कुमार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश ने शनिवार 3.30 बजे अपना फैसला सुनाया।
कडप्पा से सांसद जगन को सीबीआई ने 27 मई को गिरफ्तार किया था जिसके अगले दिन सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें 11 जून तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वह चंचलगुडा जेल में बंद हैं।
सीबीआई की विशेष अदालतन ने जगन की अंतरिम जमानत याचिका को ठुकरा दिया। जगन ने 10 जून तक जमानत देने की मांग की थी ताकि वह राज्य में हो रहे उप चुनावों के लिए प्रचार कर सकें।
न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह जगन को पूछताछ के दौरान प्रताड़ित न करे।
सीबीआई का मानना है कि जगन ने अपने पिता एवं मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के साथ कम्पनियों को लाभ पहुंचाने का आरोप है जिन्होंने इनके व्यापार में निवेश किया था।
सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरिन पी. रावल ने जगन की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया कि वह सबूतों को नष्ट एवं गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जगन के अधिवक्ता ने गिरफ्तारी को अवैध ठहराते हुए विरोध किया।
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