बीजेपी महासचिव राम माधव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी सरकार के गठबंधन को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले बीजेपी के महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी के लिए राज्य सरकार नए सिरे से प्रयास कर रही है।
सुलह के प्रयासों की जरुरत बताते हुए माधव ने उम्मीद जताई कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद सरकार प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। स्थिति फिलहाल हिंसक प्रदर्शनों से प्रभावित है।
अर्जन नाथ चाकू और इंद्र के. चाकू की लिखी पुस्तक 'द कश्मीर स्टोरी' के विमोचन पर बोलते हुए माधव ने एनआईटी श्रीनगर में छात्रों के प्रदर्शनों को कश्मीरी पंडितों के मुद्दे से जोड़ने के खिलाफ आगाह किया।
उन्होंने कहा कि माहौल बनाने के लिए दोनों मुद्दों की तुलना न करें। कश्मीरी पंडितों का मुद्दा बहुत बड़ा है और अधिक गंभीर भी है। उनके साथ न्याय करने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं।
माधव ने कहा, 'नई सरकार में हम नए सिरे से कोशिश कर रहे हैं। मैं संशय की स्थिति से पूरी तरह सहमत हूं, फिर भी मौजूदा हालात में हमारा सोचना है कि एक और प्रयास करने दिया जाए। अगर हम नाकाम रहते हैं तो जनता हमारे बारे में निर्णय लेने के लिए है। अगर घाटी में हालात जल्द सामान्य होते हैं तो मुझे विश्वास है कि सरकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।'
कार्यक्रम में अनुपम खेर भी मौजूद रहे
समारोह में अभिनेता अनुपम खेर, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जी.डी. बख्शी, प्रोफेसर अमिताभ मट्टू और वकील-कार्यकर्ता शबनम लोन भी मौजूद थे।
एनआईटी श्रीनगर के परिसर को स्थानांतरित करने की मांग के सवाल पर माधव ने कहा, 'अगर आप कहते हैं कि विद्यार्थियों की बात माननी होगी तो जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ भी यह करना होगा। हमें उनकी आशंकाओं को दूर करना होगा। वे पढ़ाई के लिए घाटी में आए हैं, राजनीति के लिए नहीं। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सुलह के प्रयासों की जरुरत बताते हुए माधव ने उम्मीद जताई कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल होने के बाद सरकार प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। स्थिति फिलहाल हिंसक प्रदर्शनों से प्रभावित है।
अर्जन नाथ चाकू और इंद्र के. चाकू की लिखी पुस्तक 'द कश्मीर स्टोरी' के विमोचन पर बोलते हुए माधव ने एनआईटी श्रीनगर में छात्रों के प्रदर्शनों को कश्मीरी पंडितों के मुद्दे से जोड़ने के खिलाफ आगाह किया।
उन्होंने कहा कि माहौल बनाने के लिए दोनों मुद्दों की तुलना न करें। कश्मीरी पंडितों का मुद्दा बहुत बड़ा है और अधिक गंभीर भी है। उनके साथ न्याय करने के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं।
माधव ने कहा, 'नई सरकार में हम नए सिरे से कोशिश कर रहे हैं। मैं संशय की स्थिति से पूरी तरह सहमत हूं, फिर भी मौजूदा हालात में हमारा सोचना है कि एक और प्रयास करने दिया जाए। अगर हम नाकाम रहते हैं तो जनता हमारे बारे में निर्णय लेने के लिए है। अगर घाटी में हालात जल्द सामान्य होते हैं तो मुझे विश्वास है कि सरकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।'
कार्यक्रम में अनुपम खेर भी मौजूद रहे
समारोह में अभिनेता अनुपम खेर, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जी.डी. बख्शी, प्रोफेसर अमिताभ मट्टू और वकील-कार्यकर्ता शबनम लोन भी मौजूद थे।
एनआईटी श्रीनगर के परिसर को स्थानांतरित करने की मांग के सवाल पर माधव ने कहा, 'अगर आप कहते हैं कि विद्यार्थियों की बात माननी होगी तो जेएनयू और अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ भी यह करना होगा। हमें उनकी आशंकाओं को दूर करना होगा। वे पढ़ाई के लिए घाटी में आए हैं, राजनीति के लिए नहीं। हमें उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जम्मू-कश्मीर, बीजेपी, पीडीपी, राम माधव, कश्मीरी पंडित, J&K Govt, Pandits' Return To Valley, Kashmiri Pandit, Ram Madhav, PDP, BJP