भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक एसएस देसवाल ने पिछले सप्ताह लेह-लदृाख के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित संगठन की अग्रिम चौकियों में जाकर बल के जवानों को सम्मानित किया. ITBP ने इस सम्मान की घोषणा स्वतंत्रता दिवस, 2020 के मौके पर की थी. DG देसवाल ने इस दौरान आईटीबीपी की सीमा चौकियों में आयोजित विशेष अलंकरण समारोहों में तीन उप महानिरीक्षक समेत 291 पदाधिकारियों को मई और जून, 2020 में सीमा पर उनके साहस और शौर्य के लिए महानिदेशक प्रतीक चिन्हों और प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया जिन्होंने ईस्टर्न लदाख में सीमा की सुरक्षा के दौरान अदम्य वीरता का प्रदर्शन किया था और भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की सीमा की विषम हालातों में सुरक्षा की थी.
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भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हाल की झड़पों के बाद आईटीबीपी के डीजी का यह पहला लद्दाख दौरा था. आईटीबीपी प्रमुख ने संगठन की कई अग्रिम चौकियों पर जाकर जवानों को शाबासी दी. इस दौरान महानिदेशक द्वारा अग्रिम चौकियों को जोड़ने वाले मार्ग की लगभग 300 कि.मी. की दूरी 17,500 फीट की ऊंचाई पार करते हुए लगातार सड़क मार्ग द्वारा तय की गई. महानिदेशक सीमावर्ती इलाकों में छह रात तक लगातार जवानों के बीच रहे, इस दौरान अग्रिम चौकियों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे एवं रसद व्यवस्था इत्यादि की भी समीक्षा की गई.
इन सम्मान समारोहों के दौरान महानिदेशक ने सभी स्थानों पर आयोजित विशेष सैनिक सम्मेलनों में जवानों के साथ परस्पर संवाद कर उनका मनोबल भी बढ़ाया. इस दौरान महानिदेशक के साथ दलजीत सिंह चौधरी, महानिरीक्षक (मुख्यालय), मनोज सिंह रावत, महानिरीक्षक (ऑप्स) और दीपम सेठ, महानिरीक्षक, उत्ततर-पश्चिम फ्रंटियर भी थे.
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