NIA ने किया मनी ट्रेल का खुलासा, 'पुलवामा हमले पर आतंकियों ने खर्च किए थे 5.70 लाख रुपये'

राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने अपनी चार्जशीट में जैशे मोहम्‍मद के आतंकी और हमले के मास्‍टरमाइंड मोहम्‍मद उमर फारुक (Mohd Umar Farooq) की ओर से किए गए खर्च का ब्‍योरा दिया है.

खास बातें

  • चार्जशीट में एनआईए ने दिया है खर्च का ब्‍योरा
  • पांच किस्‍तों में 10 लाख रु. ट्रांसफर किए गए थे
  • उमर फारुक था हमले को मास्‍टरमाइंड
नई दिल्ली:

Pulwama attack: कश्‍मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले (Pulwama attack) में केवल पांच लाख, 70 हजार रुपये की राशि खर्च हुई थी. फरवरी 2019 में हुए इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी. राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने अपनी चार्जशीट में जैशे मोहम्‍मद के आतंकी और हमले के मास्‍टरमाइंड मोहम्‍मद उमर फारुक (Mohd Umar Farooq) की ओर से किए गए खर्च का ब्‍योरा दिया है. फारुक, आतंकी सरगना मौलाना मसूद अजहर (Maulana Masood Azhar) का भतीजा है.एनडीटीवी के पास चार्जशीट की कॉपी है जो बताती है कि पाकिस्‍तान की ओर से 10 लाख रुपए फारुक के एलाइड बैंक (ABL-SHAHKAS WAZIR DHAND KHYBER AGENCY) और मीजान बैंक (0703 KARKHANO MARKET HAYATABAD BRAN PESHAWAR PAKISTAN) के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे. यह राशि जनवरी से फरवरी 2019 के बीच पांच किस्‍तों में दी गई थी. जांच के प्रभारी एक वरिष्‍ठ एनआईए अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, 'उमर ने रऊफ असगर अल्‍वी और अम्‍मान अल्‍वी को खर्चों को पूरा करने के लिए राशि भेजने को कहा था और उन्‍होंने राशि इन अकाउंट में भेजी थी.'

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चार्जशीट के अनुसार, जैश आतंकियों ने 1.85 लाख रुपये में ईको कार खरीदे और इसे मोडिफाई करने में 35 हजार रुपये खर्च किए. करीब 2.25 लाख रुपये दो आईईडी बनाने के लिए सभी तरह के विस्‍फोट को जुटाने में खर्च किए गए और 35 हजार रुपये अल्‍यूमीनियम पावडर पर खर्च हुए, यह सामान ऑनलाइन आर्डर किया गया. इस अधिकारी के अनुसार, चार किलो अल्‍यूमीयियम पावडर श्रीनगर में वैज उल इस्‍लाम के घर में डिलीवर किया गया. वैज गिरफ्तार किया जा चुका है. चार्ज्रशीट में जैश के आतंकियों की ओर से 2018-19 में घुसपैठ के लिए इस्‍तेमाल रूट के बारे में भी बताया गया है. एनआईए के अधिकारी के अनुसार, हर बार इकबाल राठेर, आतंकियों के ग्रुप को पिक करता था जो नदी की तरफ से आते थे. एनआईए ने दावा किया है कि इकबाल राठेर ने फारुक की पहचान (Recognised) की और उनके पास इस बात को स्‍थापित करने के लिए तकनीकी डाटा भी है कि वह 14 अप्रैल 2018 को चार अन्‍य साथियों के साथ सांबा सेक्‍टर से दाखिल हुआ था.

इस अधिकारी के अनुसार, इकबाल बाद में उमर को अशाक नेगरो के कश्‍मीर स्थित घर लेकर आया जहां वह शुरुआत में रुका था. बाद में वह अपनी लोकेशन चेंज करता रहा. अशाक इस मामले में अभी भी फरार है, इनपुट बताते हैं कि वह अभी पाकिस्‍तान में है और जैश के एक लांचिंग पैड को मैनेज कर रहा है. चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि उमर फारुक पुलवामा के बाद एक और आतंकी हमले को अंजाम देना चाहता लेकिन बालाकोट स्‍ट्राइक के बाद उसे इंतजार की 'सलाह' दी गई थी. एनआईए ने अटैक के बाद जैश की ओर से रिलीज किए गए व्‍हाटसएप को ट्रैक करने के लिए एफबीआई की मदद ली थी और इन्‍हें पाकिस्‍तान से ट्रैक किया गया था.

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