
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड (Sagar Dhankar Murder) में ओलंपिक विजेता रेसलर सुशील कुमार (Wrestler Sushil Kumar) की तीसरी बार कस्टडी की मांग अदालत के समक्ष की है. चार दिन की दूसरी रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद बुधवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया था. दिल्ली पुलिस के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि सागर धनखड़ की मौत हो गई, वो उभरता हुआ पहलवान था और बाकी लोग बुरी तरह घायल हैं. इसमें वीडियो सबसे अहम सबूत है.
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ये वीडियो सबके बीच भेजने के लिए बनाया गया था, जिससे वो ये कह सके कि मैं कुछ भी कर सकता है. दिल्ली पुलिस ने तीसरी बार हिरासत के लिए तर्क दिया कि ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे पता नहीं कैसे हो गया और सब कुछ बर्बाद हो गया. पुलिस ने यह भी कोर्ट को बताया कि डीवीआर अब नहीं मिली है.वारदात के वक्त आरोपियों द्वारा पहने कपड़े नहीं मिले हैं. हमें ये सब रिकवर करने के लिए कस्टडी चाहिए. सुशील कुमार कह रहा है कि ये चीज़ यहां हो सकती हैं, वहां हो सकती हैं और हम बरामद करने के लिए कोशिश कर रहे हैं. हमें आरोपी को बठिंडा और हरिद्वार लेकर जाना है. अदालत में सुशील का डिस्क्लोजर स्टेटमेंट दिखाया गया.
कोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि सुशील ने बताया कि संपत्ति विवाद का मामला है. लेकिन वीडियो में सब साफ दिख रहा है कि क्या हो रहा है. पहले सुशील ने कहा कि फ्लैट खाली करने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिसका किराया 25 हज़ार था. लेकिन एक इतना बड़ा खिलाड़ी इतने कम पैसे के लिए अपना करियर क्यों दांव पर लगाएगा. देश ने उसको सिर माथे पर बिठाया और उसने क्या किया. उसको इस कृत्य के लिए समाज को जवाब देना होगा. ये पहलवान है, उनसे कुछ भी उगलवाना आसान नहीं है.
वहीं सुशील के वकील प्रदीप राणा ने कहा कि पुलिस दिखाना चाहती है कि वो सबसे बड़े केस की जांच कर रही है. पुलिस की अर्जी में कस्टडी के लिए कोई ग्राउंड नहीं है. बिना खास रीजन के कस्टडी नहीं देनी चाहिए.सुशील की निशानदेही पर अभी तक कुछ नहीं मिला है.जज साहब केस डायरी देख कर ही फैसला करें.
10 दिन की रिमांड में ये लोग कुछ नहीं कर पाए. ये लोग कपड़े खोजने के लिए हरिद्वार गए और मोबाइल खोजने के लिए बठिंडा गए. अब फिर वहां जाने के लिए कह रहे हैं. कस्टडी की अर्जी खारिज होनी चाहिए और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. सुशील को जेल में खतरा रहेगा क्योंकि इसमें जो सोनू घायल हुआ है वो बड़े गैंग से ताल्लुक रखता है, सुशील की सुरक्षा को देखते हुए अलग सेल में रखा जाए.
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