आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में सोने पर निवेश हमेशा भरोसेमंद सौदा माना जाता है. सर्राफा बाजार में इस बार लॉकडाउन की वजह से अक्षय तृतीया के दिन रौनक गायब रही है. अक्षय तृतीया को सोना खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन अब सोने की बिक्री अब दुकानों में खरीदने के बजाए ऑनलाइन का प्रचलन बढ़ रहा है. अक्षय तृतीया पर सर्राफा कारोबारियों ने ग्राहकों को डिजिटल खरीद के लिए आकर्षित करने को कई आकर्षक पेशकश की हैं. इनमें कीमतों को लॉक करना और सोने के स्वामित्व का प्रमाणपत्र देना शामिल है. सोना अभी 48,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर है. आयात के अभाव में बंद हटने के बाद इसमें और उछाल आएगा. कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जब दुनिया में चौतरफा अनिश्चितता का दौर हो तो ऐसे समय सोने में आकर्षण बढ़ जाता है. एमके ग्लोबल फाइनेंसियल सविर्सिज के शोध प्रमुख राहुल गुप्ता का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से इस अक्षय तृतीया पर बेशक मांग कम रह सकती है लेकिन आने वाले समय में दाम ऊपर चढ़ेंगे. गुप्ता की राय में 'बीच बीच में दाम कुछ नीचे आ सकते हैं लेकिन कुल मिलाकर दाम ऊपर बने रहेंगे. घरेलू बाजार में सोना 47,300 से लेकर 48,550 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर को छू सकता है.'
उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण समर्थित ईटीएफ एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट होल्डिंग में भी तेजी आ सकती है. 22 अप्रैल 2020 को इस ईटीएफ में 1,042.46 टन सोने के सौदे थे. अकेले अप्रैल में इसमें आठ प्रतिशत की वृद्धि हुइ है.
दमाणी ने कहा है कि एक के बाद एक ऐसी घटनायें होती चलीं गई और इस साल कोरोना वायरस के फैलने से परिस्थितियां और भी जटिल हो गई। लॉकडाउन के दौरान जब सभी तरह के संपत्तियों के दाम रसातल पर पहुंच रहे थे तब मौजूदा परिस्थितियों में निवेशकों का ध्यान निवेश के दूसरे विकल्पों की तरफ जा रहा है। इनमें स्वर्ण प्रमाणपत्र, ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड तथा बाजारों में सीधे आनलाइन खरीद- फरोख्त शामिल है. दमाणी ने कहा कि निकट भविष्य में सोने को लेकर स्थिति बेहतर नजर आती है। जिसं बाजार में सोने का भाव 2,000 डालर से ऊपर निकल सकता है जबकि घरेलू बाजार में यह अगले 12 माह के दौरान 52,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर से ऊपर निकल सकते हैं।
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