अयोध्या-बाबरी विवाद में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) की ओर से जो सबसे बुजुर्ग पैरोकार हाशिम अंसारी (Hashim Ansari) थे, जिन्होंने कई सालों तक मुकदमा लड़ा. हाशिम अंसारी की मौत की बाद उनकी जगह उनके बेटे इकबाल अंसारी (Iqbal Ansari) इस केस के मुद्दई बने. इकबाल अंसारी को राम मंदिर भूमि पूजन (Ram mandir Bhumi Pujan) के लिए न्योता दिया गया है. आमंत्रण मिलने के बाद इकबाल अंसारी ने NDTV से खास बातचीत की और कहा अयोध्या, एक धर्म की नगरी है और यहां गंगा जमुनी-तहजीब हमेशा कायम रही है. उन्होंने बताया कि आज से पहले भी उन्हें हिंदू धर्म के कार्यक्रमों में बुलाया जाता रहा है और वह इनमें शामिल होते रहे हैं. इकबाल अंसारी ने बताया कि राम मंदिर भूमि पूजन के मौके पर पीएम मोदी को रामचरित मानस उपहार स्वरुप देंगे.
अयोध्या : भूमि पूजन से पहले राम मंदिर के एक और पुजारी कोरोना पॉजिटिव
अयोध्या विवाद पर उन्होंने कहा कि पूरे देश के सामने 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना अंतिम फैसला सुना दिया जिसका सम्मान देश के सभी मुसलमानों ने किया. बकौल अंसारी, अब कोई विवाद नहीं है, विवाद पूरी तरह से खत्म हो चुका है. अब इस विवाद के बाद उनका कहना है कि अयोध्या को धर्म की नगरी कहा गया, यहां सभी धर्म और जाति के देवता विराजमान है, अगर सरयू नदी है तो शीरशाम की मजार भी है. यहां के लोगों ने हमेशा अच्छा काम किया, अगर किसी ने नुकसान पहुंचाया तो बाहर से आए लोगों ने ही ऐसा किया. राजनीति करने वाले लोग भी बाहर से आए. अयोध्या में हिंदू मुस्लिम प्यार हमेशा बना रहा, यहां सब साथ रहते हैं और खुश रहते हैं.
नाम- अशोक सिंघल, पढ़ाई- BHU से इंजीनियरिंग: राम मंदिर आंदोलन के शिल्पकार की कहानी
बता दें कि 5 अगस्त को अयोध्या में राममंदिर भूमि पूजन का भव्य कार्यक्रम किया जा रहा है, पीएम मोदी दोपहर 12 बजकर 15 मिनट और 15 सेकेंड पर इसका शिलान्यास करेंगे. कोविड संकट के चलते इस कार्यक्रम में सिमित संख्या में लोगों को बुलाया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं