यह ख़बर 08 जून, 2012 को प्रकाशित हुई थी

भारत, अमेरिका की रणनीतिक वार्ता 13 जून को

खास बातें

  • इस बातचीत में दोनों देश आतंकवाद से मुकाबला और असैन्य परमाणु सहयोग से लेकर क्षेत्रीय मुद्दों तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा में जनकेंद्रित पहलों जैसे सभी क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर विचार-मंथन करेंगे।
नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका 13 जून को अपनी तीसरी रणनीतिक बातचीत के लिए आमने-सामने बैठेंगे। इस बातचीत में दोनों देश आतंकवाद से मुकाबला और असैन्य परमाणु सहयोग से लेकर क्षेत्रीय मुद्दों तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा में जनकेंद्रित पहलों जैसे सभी क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने पर विचार-मंथन करेंगे।

विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के साथ 13 जून को तीसरी रणनीतिक बातचीत की सहअध्यक्षता करेंगे। सम्भावना है कि दोनों पक्ष अपने विकसित हो रहे रणनीतिक रिश्ते के सभी पक्षों की समीक्षा करेंगे और ऐतिहासिक परमाणु समझौते के क्रियान्वयन में हुई प्रगति का जायजा लेंगे, जो भारत के दायित्व कानून के कारण अमेरिकी परमाणु कम्पनियों की चिंताओं में उलझा हुआ है।

चूंकि यह बातचीत अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों के प्रभावी होने से चंद दिनों पूर्व हो रही है, लिहाजा ईरान का परमाणु मुद्दा, उन महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों में शामिल होगा, जिनपर बैठक के दौरान चर्चा होगी।

समझा जाता है कि भारत अपने इस रुख को दोहरा सकता है कि वह केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के प्रति ही बाध्य है और ईरान के खिलाफ एकतरफा प्रतिबंधों को स्वीकार नहीं करेगा। समझा यह भी जाता है कि भारत अपने अमेरिकी वार्ताकारों से कहेगा कि ईरानी तेल का आयात आसन्न प्रतिबंधों के बावजूद जारी रहेगा, क्योंकि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है।

ईरान के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच तीखे मतभेद हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह बढ़ रहे विश्वास का संकेत है कि इन मतभेदों को दोनों देशों के गहरे रिश्ते पर असर डालने की छूट नहीं मिल पाई है।

कृष्णा एक उच्चस्तरीय बहु मंत्रालयी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जिसमें केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ, केंद्रीय योजना राज्य मंत्री अश्विनी कुमार और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया शामिल होंगे।

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विदेश सचिव रंजन मथाई और सार्वजनिक सूचना अधोसंरचना एवं उन्नयन पर प्रधानमंत्री के सलाहकार साम पित्रोदा भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। चूंकि आतंकवाद से मुकाबला और सुरक्षा सहयोग का मुद्दा एजेंडे में शीर्ष पर होगा, लिहाजा केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह और इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक नेहचल संधू भी प्रतिनिधिमंडल के हिस्से होंगे।