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This Article is From Aug 15, 2017

बेंगलुरू में भूख से आज़ादी की पहल, इंदिरा कैंटीन में मिलेगा 10 रुपये में खाना

तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर कर्नाटक सरकार इंदिर कैंटीन खोलने जा रही है. यह 5 रुपये में नाश्ता और 10 रुपये में भोजन मुहैया कराया जाएगा.

बेंगलुरू में भूख से आज़ादी की पहल, इंदिरा कैंटीन में मिलेगा 10 रुपये में खाना
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य राज्य को भूख मुक्त बनाना है
बेंगलुरू: कर्नाटक को भूख मुक्त बनाने और श्रमिक वर्ग व गरीब प्रवासियों को सस्ती दरों पर भोजन मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि राज्य सरकार समूचे इंदिरा कैंटीन शुरू करेगी. उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा, "मुझे यह घोषणा करने में खुशी हो रही है कि बेंगलुरू में इंदिरा कैंटीन खुलने जा रहे हैं, जहां हर दिन शहर के श्रमिक और गरीब लोग सस्ते में भोजन करेंगे."

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प्रारंभिक चरण में, 101 कैंटीन हर दिन 5 रुपये में शाकाहारी टिफिन (नाश्ता) और 10 रुपये में दोपहर का भोजन और इसी दाम में रात का भोजन मुहैया कराएंगी. वहीं, अक्टूबर में महात्मा गांधी के 150वें जन्मदिन के अवसर पर शेष बचे 97 वार्डों में भी ऐसी कैंटीन खोले जाएंगे. 

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उन्होंने कहा कि इस कैंटीन के शहर के गरीब पर पड़े अच्छे और बुरे प्रभाव का अध्ययन कर राज्य के अन्य शहरों और कस्बों में भी इसी तरह के कैंटीन खोलेंगे. मुख्यमंत्री के पास ही वित्त मंत्रालय है. उन्होंने चालू वित्तवर्ष (2017-18) में सभी 198 वार्डों में पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के प्रसिद्ध 'अम्मा' कैंटीन की तर्ज पर कैंटीन चलाने के लिए बजट में 100 रुपये का प्रावधान किया है. 

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उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य कर्नाटक को भूख मुक्त बनाना है. राज्य में हर महीने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) को 'अन्न भाग्य योजना' के 7 किलोग्राम चावल मुफ्त प्रदान किया जा रहा है, ताकि वे दो वक्त भोजन प्राप्त कर सके."

फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में लोगों की सभा को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि दाल (तूर दाल) की भी सब्सिडी दर पर आपूर्ति की जा रही है.

उन्होंने कहा कि स्तनपान करा रही माताओं और गर्भवती महिलाओं के लिए मातृपूर्ण योजना के तहत रोजाना मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है. 2 अक्टूबर से इसका विस्तार राज्य के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों तक किया जा रहा है, जिनकी संख्या 12 लाख है.

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इसकी प्रकार से रोजाना 1.08 करोड़ स्कूली छात्रों को मुफ्त मध्यान्ह भोजन मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें सप्ताह के पांच दिन दूध और दो दिन अंडे दिए जाते हैं, ताकि उन्हें पोषण मिल सके.

 (इनपुट आईएएनएस से)

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