नई दिल्ली:
चंद्र अभियान की सफलता के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगल ग्रह के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करने को शुक्रवार रात अपनी मंजूरी प्रदान कर दी। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 'लाल ग्रह' मंगल का अध्ययन करने के लिए उसकी कक्षा में उपग्रह भेजने के अंतरिक्ष विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
संभावना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 25 किलोग्राम वैज्ञानिक पेलोड के साथ उपग्रह को मंगल के लिए अगले वर्ष नवंबर तक प्रक्षेपित कर सकता है। मंगल अभियान के दौरान उपग्रह के माध्यम से ग्रह के वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
उपग्रह को इसरो के रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के विस्तारित संस्करण से प्रक्षेपित किया जाएगा। यदि इसरो अगले वर्ष मंगल अभियान शुरू करने में असफल रहता है, तो उसके पास वर्ष 2016 और 2018 में संभावनाएं मौजूद हैं।
संभावना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 25 किलोग्राम वैज्ञानिक पेलोड के साथ उपग्रह को मंगल के लिए अगले वर्ष नवंबर तक प्रक्षेपित कर सकता है। मंगल अभियान के दौरान उपग्रह के माध्यम से ग्रह के वातावरण का अध्ययन किया जाएगा।
उपग्रह को इसरो के रॉकेट ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के विस्तारित संस्करण से प्रक्षेपित किया जाएगा। यदि इसरो अगले वर्ष मंगल अभियान शुरू करने में असफल रहता है, तो उसके पास वर्ष 2016 और 2018 में संभावनाएं मौजूद हैं।
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