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This Article is From Jul 15, 2020

अच्‍छी खबर... देश में दूसरे कोविड-19 वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हुआ

कंपनी की ओर से बतायाग या कि एक हजार वालंटियर्स के साथ पहले मानव डोज का ट्रायल शुरू किया गया है जिसमें इन ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल्स के पहले और दूसरे फेज एक के बाद एक पूरे किये जायेंगे. कुछ दिनों पहले ही जायडस कैडिला कंपनी को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति प्रदान की गई थी.

अच्‍छी खबर... देश में दूसरे कोविड-19 वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हुआ
ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल का पहला और दूसरा फेज, एक के बाद एक पूरे किये जायेंगे (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

ऐसे समय जब कोरोना के संक्रमण के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं, एक अच्‍छी खबर आई है. भारत की फार्मास्‍युटिकल कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने बुधवार को घोषणा की है कि उसकी बनाई डीएनए वैक्‍सीन zycov-D का ह्यूमन ट्रायल प्रारंभ कर दिया है. ट्रायल के तहत पहले मरीज को वैक्‍सीन की खुराक दी गई.ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की ओर से पिछले माह इसके लिए मंजूरी मिली थी. कंपनी की ओर से बताया गया कि एक हजार वालंटियर्स के साथ पहले मानव डोज का ट्रायल शुरू किया गया है जिसमें इन ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल्स के पहले और दूसरे फेज एक के बाद एक पूरे किये जाएंगे.कंपनी की ओर से कहा गया है कि ZYCoV-D, प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन सुरक्षित माना गया है. इसके पहले इस कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल में प्रतिरक्षा और इम्युनिटी टेस्ट के अच्छे परिणाम सामने आए हैं.

कुछ दिनों पहले ही जायडस कैडिला कंपनी को ह्यूमन ट्रायल की अनुमति प्रदान की गई थी.क्‍लीनिकल ट्रायल रजिस्ट्री- इंडिया (CTRI) के अनुसार, क्‍लीनिकल स्‍टडी दो मानदंडोंपर आधारित है - समावेश और बहिष्करण (inclusion and exclusion). फेस 1 में, कंपनी ने 18-55 वर्ष की आयु के बीच स्वस्थ पुरुषों और महिलाओं (गैर-गर्भवती और गैर स्तनपान) का चयन किया है. वालंटियर्स को ट्रायल की प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है और फॉलोअप अवधि के लिए उपलब्ध रहना होता है. इसी क्रम में फेस 2 के लिए, 12 वर्ष या उससे अधिक आयु के किसी भी लिंग के स्वस्थ वालंटियस का चयन किया जाएगा.

कोरोना से बचाव में मददगार दवा Remdesivir इस समय भारत में उपलब्‍ध है. DCGI ने Remdesivir बनाने की अनुमति सिप्ला और हेटेरो हेल्थकेयर को दी है. बता दें कि इस इमरजेंसी का इस्तेमाल इमरजेंसी के दौरान किया जाता है. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार हेटेरो हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एम श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, "भारत में कोविफोर को पेश करना हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से इस समय चिकित्सा ढांचे पर काफी दबाव है."बताते चलें कि कोविफोर रेमडेसिवीर का पहला जेनेरिक संस्करण है. कंपनी ने बयान में कहा कि इसका इस्तेमाल बालिगों और बच्चों, अस्पतालों में गंभीर संक्रमण की वजह से भर्ती मरीजों के इलाज में किया जा सकता है. हेटेरो लैब्स ने कोविफोर (Remdesivir) की 20 हज़ार वियाल तैयार करके भारत के 5 राज्यों को भेजा है. इनमें  हैदराबाद, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र शामिल हैं.

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