यह ख़बर 19 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

वाल्वों में कमी, कुडनकुलम परमाणु संयंत्र को शुरू करने में देर : एईआरबी

खास बातें

  • एईआरबी ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर को ठंडक पहुंचाने वाले तंत्र में पाए गए चार खराब वॉल्व को बदलकर उनकी जगह नए वॉल्व लगाने का आदेश दिया है। संयंत्र का परिचालन शुरू किए जाने से पहले इस साल की शुरुआत में ही हुई जांच में वॉल्वों में खराबी पाई
मुंबई:

परमाणु ऊर्जा विनियामक बोर्ड (एईआरबी) ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिएक्टर को ठंडक पहुंचाने वाले तंत्र में पाए गए चार खराब वॉल्व को बदलकर उनकी जगह नए वॉल्व लगाने का आदेश दिया है। संयंत्र का परिचालन शुरू किए जाने से पहले इस साल की शुरुआत में ही हुई जांच में वॉल्वों में खराबी पाई गई। अधिकारियों ने बताया कि संयंत्र में लगे उपकरणों की जांच के दौरान चार वॉल्वों के हिस्सों में खामियों का पता लगा। रिएक्टर में ऐसे हजारों वॉल्व लगे होते हैं।

एईआरबी के सचिव आर भट्टाचार्य ने शुक्रवार की शाम एक बयान जारी कर कहा, ‘‘संयंत्र में लगे हजारों वॉल्वों की जांच के दौरान एक विशेष प्रकार के चार वॉल्व में खामियां पाई गईं। वे ठीक तरीके से काम नहीं कर पा रहे थे।’’

अधिकारियों ने कहा कि जिन वॉल्व में खामियां पाई गईं वे एमरजेंसी कोर कूलिंग सिस्टम (ईसीसीएस) में थे। ईसीसीएस परमाणु रिएक्टर से उष्मा कम करने का काम करती है।

इस मामले के बाद अब कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र को शुरू करने में अभी और देर लगेगी।

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एईआरबी ने अपने बयान में कहा है कि बहुस्तरीय जांचों में गुणवत्ता प्रमाणित करने वाले कार्यक्रम के तहत ही काम किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि संतोषजनक समीक्षा के बाद ही मंजूरी दी जाएगी।