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This Article is From Aug 31, 2020

अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट

India GDP Data: 21 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय सहायता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबार और आम इंसान पर भारी असर पड़ा.   

देश की जीडीपी में भारी गिरावट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) और लॉकडाउन का असर देश के सकल घरेलू  उत्पाद (GDP) पर भी देखने को मिला है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में भारत की जीडीपी में 23.9 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है. इसकी तुलना में पिछली तिमाही में जीडीपी में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. सोमवार को सरकार की ओर से जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए. 21 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय सहायता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबार और आम इंसान पर भारी असर पड़ा.   

कोरोना संकट के दौरान अप्रैल-मई महीनों में कई हफ़्तों तक बंद रही इन फैक्टरियों की वजह से करोड़ों मज़दूर बेरोज़गार हुए. अब सांख्यिकी मंत्रालय ने अपने ताज़ा आंकलन रिपोर्ट में कहा है की लॉकडाऊन की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप्प पड़ गयीं जिस वजह से इस साल अप्रैल से जून की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित 23.9% सिकुड़ गयी. 2019-20 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.2% थी. 

सोमवार को ही जारी 8 कोर इंडस्ट्रियल सेक्टर के आंकड़े दिखाते हैं की जुलाई महीने में भी अर्थव्यवस्था में गिरावट का ट्रेंड जारी रहा है. 8 में से 7 कोर इंडस्ट्रीज के इंडेक्स में जुलाई में गिरावट दर्ज़ की गयी है. स्टील सेक्टर में गिरावट -16.4%, सीमेंट में 13.5% और पेट्रोलियम रिफाइनरी प्रोडक्शन में 13.9% तक गिरावट दर्ज़ की गयी है. 

इस बड़ी आर्थिक गिरावट की वजह से भारत सरकार के राजस्व की कमाई काफी गिर गयी है. जीएसटी कॉम्पनसेशन देने में केंद्र की असमर्थता के खिलाफ गैर-बीजेपी शाषित राज्य लामबंद हो रहे हैं. सोमवार को 6 गैर-बीजेपी शासित राज्यों के जीएसटी इन-चार्ज मंत्रियों  की ऑनलाइन मीटिंग भी की.

भारत साल 1996 से जीडीपी के आंकड़े जारी कर रहा है. यह तब से लेकर अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कई कोशिशें की गईं. रिजर्व बैंक ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मार्च से रेपो रेट में 1.15 प्रतिशत की कटौती की है.  

जीडीपी के ताजा आंकड़े भारत की सबसे बड़ी मंदी की शुरुआत का अंदेशा जता रहे हैं, जिसके चालू वित्त वर्ष के दूसरी छमाही तक जारी रहने की आशंका है. कोरोना वायरस महामारी की वजह से मांग प्रभावित हुई है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी पर दबाव पड़ रहा है. आमतौर पर लगातार दो तिमाही में जीडीपी की दर नकारात्मक रहने पर मंदी माना जाता है. 

मुख्य आर्थिक सलाहाकार के सुब्रमण्यन ने पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर ऑडियो जारी करके बयान दिया. उन्होंने कहा, "अप्रैल-जून तिमाही के दौरान देश में लॉकडाउन था. सभी आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद रहीं. पहली तिमाही में GDP की गिरावट अनुमान के अनुरूप है."

एजेंसियों और विशेषज्ञों ने देश के जीडीपी में 2020-21 में गिरावट का अनुमान जताया है. इस बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जनवरी-मार्च, 2020 तिमाही में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

वीडियो: पहली तिमाही में देश की जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट

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