भारतीय अमेरिकी समुदाय ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि विवादित भूमि के दशकों पुराने मामले पर आए फैसले में हिंदू-मुस्लिम दोनों की जीत है. बता दें, शनिवार को सुप्रीम ने अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग शनिवार को प्रशस्त करते हुए केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड' को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आबंटित की जाए. CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया. इस विवाद ने देश के सामाजिक ताने बाने को तार-तार कर दिया था.
अयोध्या: पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर मुस्लिम नेताओं और संगठनों की अलग-अलग राय
फैसले के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा , ‘हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य भारतीय नेताओं द्वारा सभी दलों के शांति बनाए रखने और भड़काऊ बयानबाजी से बचने संबंधी बयानों की सराहना करते हैं.' वहीं ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' (HAF) ने कहा, ‘भारतीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदुओं और मुसलमानों के लिए बराबर जीत है. साथ ही यह पुरातत्वविदों, इतिहासकारों और भारतीय कानूनी प्रणाली की भी जीत है.' हालांकि अमेरिका में मुस्लिम अमेरिकी समूहों की ओर से तत्काल इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
Ayodhya News: कोर्ट ने विवादित जमीन मंदिर को सौंपी, मस्जिद के लिए मिलेगी अलग जगह
‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज' (FIIDS) ने कहा, ‘यह संतुलित निर्णय भविष्य के सभी विवादों के लिए मिसाल कायम करता है और एक शांत, एकत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनौतीपूर्ण स्थितियों को हल करने की भारतीय न्यायिक प्रणाली की परिपक्वता को दर्शाता है.' FIIDS ने एक बयान में अयोध्या राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने के लिए उच्चतम न्यायालय का शुक्रिया अदा किया. FIIDS ने कहा, ‘हम उच्चतम न्यायालय के बेहद संतुलित फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें उसने पूरी भूमि हिंदुओं को दे दी और मस्जिद के लिए अलग से जमीन आवंटित करने को कहा.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं