पिछले कुछ दिनों से चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. नॉर्थ ब्लॉक तक पहुंचने वाली रिपोर्ट के अनुसार चीन के रवैये को देखते हुए भारत अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है.भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,"चूंकि पिछले कुछ दिनों से चीन LAC पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ा रहा है ऐसे में हम उस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं." अधिकारी के अनुसार हालांकि इस क्षेत्र में सैनिकों के बीच तनाव पहले भी होता रहा है लेकिन इस बात यह एक सप्ताह से ज्यादा बढ़ गया है. उन्होंने कहा, "यह सामान्य से थोड़ा ज्यादा बढ़ गया है, ऐसे में हम भी खुद को मजबूत कर रहे हैं."
इस बीच दिल्ली पहुंचने वाली रिपोर्टों से संकेत मिला है कि चीन ने 1962 की जंग के पुराने पड़ाव गलवान नदी के पास टेंट लगा दिए हैं. चीन के बैनरों में लिखा है कि यह हमारा इलाका है, यहां से वापस चले जाओ, ऐसे में 5-6 घंटों के लिए तनाव जारी रहा. सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ रिपोर्ट्स से संकेत मिला है कि डेमचोक इलाके में चीन काफी कुछ निर्माण कर रहा है, इस तनाव को देखते हुए भारत ने अपनी तैनाती को मजबूत करने का फैसला लिया.
वहीं दिल्ली से नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की टीम भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं.एक अधिकारी ने बातचीत में बताया कि LAC पर कई बार फेस ऑफ (आमना-सामना) हो जाता है लेकिन ऐसे मुद्दों को हल करने के लिए एक सिस्टम बना हुआ है. इसके अलावा कुछ अधिकारियों का मानना है कि पिछले एक महीने में चीन की आक्रमकता बढ़ी है. वह इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन में भारत की बढ़ती भूमिका से जोड़कर देख रहे हैं.
सरकार के एक और आंकलन के अनुसार, चीन को ऐसा लगता है कि भारत इंडो पैसिफिक सिक्योरिटी के मामले में, यूएसए के इशारों पर कदम उठा रहा है. अधिकारी ने बताया कि चीन, हिंद महासागर में अपने पैरों को पसारना चाहता है, भारत के लिए यह चिंता का विषय है लेकिन भारत अपने हितों की रक्षा करना जानता है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संयोग नहीं है कि लद्दाख और सिक्किम सीमा पर चीन पिछले कुछ दिनों से आक्रमता दिखा रहा है बल्कि ऐसे भी संकेत मिले हैं कि नेपाल के साथ लिपुलेख दर्रे पर सीमा संघर्ष को भी चीन का समर्थन मिला हुआ है.
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