भारत ने शनिवार को तीन पाकिस्तानी कैदियों को अटारी-वाघा पारगमन बिंदु से उनके देश वापस भेज दिया. इन कैदियों ने अपनी जेल की सजा पूरी कर ली थी . विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन कैदियों के नाम समीरा अब्दुल रहमान, मुर्तजा असगर अली और अहमद रजा हैं. मंत्रालय ने बताया कि तीन कैदियों को 26 मार्च को अटारी वाघा सीमा से पाकिस्तान भेज दिया गया और इन सभी ने अपनी सजा पूरी कर ली थी.
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बयान के अनुसार, समीरा अब्दुल रहमान के साथ उसकी चार वर्ष की पुत्री सना फातिमा भी थी. मंत्रालय ने कहा कि भारत सभी मानवीय विषयों के समाधान को सर्वोच्च प्राथमकिता प्रदान करता है जिनमें पाकिस्तान से सभी भारतीय कैदियों और मछुआरों कर रिहाई और वापसी शामिल है. बयान के अनुसार, सरकार के सतत प्रयासों से वर्ष 2022 में अब तक पाकिस्तान की हिरासत से 20 भारतीय मछुआरों और एक नागरिक को रिहा कराने एवं वापस लाने में सफलता मिली है.
अटारी सीमा पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2017 में एक पाकिस्तानी महिला को उसके पति मोहम्मद शिहाब के साथ केरल के पलक्कड से गिरफ्तार किया गया था जो कतर में उससे मिली थी. उन्होंने बताया कि शिहाब बिना वीजा के उसे सितंबर 2016 में नेपाल सीमा के रास्ते भारत लाया था. महिला को मई 2017 में गिरफ्तार किया गया था और उसे तीन साल कैद की सजा हुई. महिला को बेंगलुरु की जेल में रखा गया था. अधिकारी ने बताया कि उसके पति को जेल से जमानत पर रिहा किया गया था और उसके बाद से वह लापता है.
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पाकिस्तान में दाखिल होने से पहले समीरा ने कहा, ‘‘ मैं बहुत खुश हूं कि आखिरकार मैं पाकिस्तान अपनी बेटी के साथ जा रही हूं जिसका जन्म भारत में हुआ है...भारतीय अधिकारियों ने मुझसे और मेरी बेटी से कारागार में अच्छा व्यवहार किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारतीय अधिकारियों और गृह मंत्रालय की शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे अपनी बेटी के साथ पाकिस्तान जाने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज हासिल करने में मदद की.''
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