पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पीएम मोदी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी रविवार को होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता पर खतरे के बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं, जहां दोनों ही देश एक दूसरे पर नई शर्तें थोपने का हवाला देते हुए इस वार्ता में अड़ंगा डालने का आरोप लगा रहे हैं।
भारत ने पाकिस्तान को यह भी साफ कर दिया था कि अलगाववादियों और सरताज अजीज के साथ मुलाकात मंजूर नहीं है। भारतीय गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अलगाववादियों को श्रीनगर से निकलने नहीं दिया जाएगा। फिर भी अगर वे दिल्ली पहुंच गए तो उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया जाएगा। (पढ़ें - 'अजीज की अलगाववादियों संग मुलाकात मंजूर नहीं')
भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने वार्ता के एजेंडे में कश्मीर को और पाक के राष्ट्रीय सलाहकार सरताज अजीज संग कश्मीरी अलगाववादियों की मुलाकात को जोड़ कर इस वार्ता को अधर में लटका दिया है। भारत का कहना है कि उसे ये शर्तें कतई मंजूर नहीं और वह रूस के उफा में पीएम मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच दोबारा वार्ता शुरू करने को लेकर हुई बातचीत में तय शर्तों पर ही वार्ता करेगा।
भारत महसूस करता है कि पाकिस्तान कभी भी उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ताओं को लेकर गंभीर नहीं रहा और उफा शिखर बैठक के नतीजों के बावजूद पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जम्मू कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाते हुए की जाने वाली गोलाबारी में बढ़ोतरी हुई और साथ ही दो बड़े आतंकवादी हमलों के अलावा घुसपैठ की घटनाओं में भी इजाफा हुआ।
भारत सरकार का यह मानना है कि एनएसए स्तरीय वार्ता में पाकिस्तान की स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच दस जुलाई को उफा में बनी सहमति के उलट है, क्योंकि इस्लामाबाद ने इस समझ की 'तोड़मरोड़ कर व्याख्या' की है। भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दे दिया है कि उसकी ओर से उसकी ओर से थोपी जा रही 'एकतरफा नई शर्तें' और दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बनी सहमति की 'तोड़मरोड़ कर की गई व्याख्या' मंजूर नहीं है।
पाकिस्तान ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए जोर दिया कि वह अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की 'स्थापित पूर्व परंपरा' से पीछे नहीं हटेगा और साथ ही उसने इस संबंध में भारत की सलाह को नकार दिया।
हालांकि खबर है कि भारत के सख्त ऐतराज के बावजूद पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल संग वार्ता से पहले कश्मीर के अलगाववादी हु्र्रियत नेता अली शाह गिलानी से मुलाकात करेंगे। (पढ़ें - डोभाल संग वार्ता से पहले गिलानी से मिलेंगे अजीज)
पाकिस्तान सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनएसए वार्ता से पहले सोमवार सुबह 9.30 अजीज और गिलानी की मुलाकात होगी। हालांकि इसके साथ उन्होंने बताया कि रविवार शाम को होने वाली पाक उच्चायुक्त की दावत में दूसरे कश्मीरी अलगाववादियों से अजीज की मुलाकात होगी।
वहीं भारत ने इस पर कहा है कि एक पूर्व शर्त के तौर पर पाकिस्तान का हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करने पर जोर देना, उफा में बनी समझ से पूरी तरह अलग हटना है। इतना ही नहीं, भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि द्विपक्षीय वार्ता में केवल दो पक्षकार हैं, तीन नहीं।
विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि एकतरफा नयी शर्ते थोपना और 'सहमति के एजेंडे को तोड़ना मरोड़ना, आगे बढ़ने का आधार नहीं हो सकते।'
भारत ने पाकिस्तान को यह भी साफ कर दिया था कि अलगाववादियों और सरताज अजीज के साथ मुलाकात मंजूर नहीं है। भारतीय गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अलगाववादियों को श्रीनगर से निकलने नहीं दिया जाएगा। फिर भी अगर वे दिल्ली पहुंच गए तो उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया जाएगा। (पढ़ें - 'अजीज की अलगाववादियों संग मुलाकात मंजूर नहीं')
भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने वार्ता के एजेंडे में कश्मीर को और पाक के राष्ट्रीय सलाहकार सरताज अजीज संग कश्मीरी अलगाववादियों की मुलाकात को जोड़ कर इस वार्ता को अधर में लटका दिया है। भारत का कहना है कि उसे ये शर्तें कतई मंजूर नहीं और वह रूस के उफा में पीएम मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच दोबारा वार्ता शुरू करने को लेकर हुई बातचीत में तय शर्तों पर ही वार्ता करेगा।
भारत महसूस करता है कि पाकिस्तान कभी भी उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्ताओं को लेकर गंभीर नहीं रहा और उफा शिखर बैठक के नतीजों के बावजूद पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जम्मू कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाते हुए की जाने वाली गोलाबारी में बढ़ोतरी हुई और साथ ही दो बड़े आतंकवादी हमलों के अलावा घुसपैठ की घटनाओं में भी इजाफा हुआ।
भारत सरकार का यह मानना है कि एनएसए स्तरीय वार्ता में पाकिस्तान की स्थिति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच दस जुलाई को उफा में बनी सहमति के उलट है, क्योंकि इस्लामाबाद ने इस समझ की 'तोड़मरोड़ कर व्याख्या' की है। भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दे दिया है कि उसकी ओर से उसकी ओर से थोपी जा रही 'एकतरफा नई शर्तें' और दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बनी सहमति की 'तोड़मरोड़ कर की गई व्याख्या' मंजूर नहीं है।
पाकिस्तान ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए जोर दिया कि वह अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की 'स्थापित पूर्व परंपरा' से पीछे नहीं हटेगा और साथ ही उसने इस संबंध में भारत की सलाह को नकार दिया।
हालांकि खबर है कि भारत के सख्त ऐतराज के बावजूद पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल संग वार्ता से पहले कश्मीर के अलगाववादी हु्र्रियत नेता अली शाह गिलानी से मुलाकात करेंगे। (पढ़ें - डोभाल संग वार्ता से पहले गिलानी से मिलेंगे अजीज)
पाकिस्तान सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एनएसए वार्ता से पहले सोमवार सुबह 9.30 अजीज और गिलानी की मुलाकात होगी। हालांकि इसके साथ उन्होंने बताया कि रविवार शाम को होने वाली पाक उच्चायुक्त की दावत में दूसरे कश्मीरी अलगाववादियों से अजीज की मुलाकात होगी।
वहीं भारत ने इस पर कहा है कि एक पूर्व शर्त के तौर पर पाकिस्तान का हुर्रियत नेताओं से मुलाकात करने पर जोर देना, उफा में बनी समझ से पूरी तरह अलग हटना है। इतना ही नहीं, भारत ने हमेशा यह रुख अपनाया है कि द्विपक्षीय वार्ता में केवल दो पक्षकार हैं, तीन नहीं।
विदेश विभाग के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि एकतरफा नयी शर्ते थोपना और 'सहमति के एजेंडे को तोड़ना मरोड़ना, आगे बढ़ने का आधार नहीं हो सकते।'
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