
- NSA अजीत डोभाल रूस के दौरे पर हैं और उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
- डोभाल ने रूस के उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ द्विपक्षीय सैन्य-तकनीकी सहयोग पर चर्चा की।
- अमेरिका द्वारा भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बीच, भारत ने अपने हितों के लिए किसी भी समझौते से इंकार किया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन दिनों रूस के दौरे पर हैं. इस दौरे पर उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के अलावा कई गणमान्य लोगों से मुलाकात की. अपने दौरे के दौरान अजित डोभाल ने रूस के प्रथम उपप्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव के साथ द्विपक्षीय सैन्य-तकनीकी संबंधों और रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की. दोनों के बीच हुई बातचीत भारत और रूस के बीच और मजबूत होते रिश्तों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. NSA डोभाल और रूस के उप-प्रधानमंत्री के ये मुलाकात ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले ही भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति की उस घोषणा के बाद भारत ने भी ये साफ कर दिया है कि वो अपने निजी हितों से किसी तरह का कोई समझौता नहीं करने वाला है.
आपको बता दें कि अजित डोभाल द्विपक्षीय ऊर्जा और रक्षा संबंधों पर महत्वपूर्ण वार्ता करने और इस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी के लिए रूस में हैं.भारत स्थित रूसी दूतावास के अनुसार, डोभाल और मंतुरोव की मुलाकात शुक्रवार को हुई थी. इस मुलाकात के बाद दूतावास ने एक पोस्ट में कहा कि इस बैठक के दौरान भारत-रूस के बीच सैन्य-तकनीकी सहयोग से जुड़े मौजूदा मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही असैन्य विमान निर्माण, धातु उद्योग और रासायनिक उद्योग जैसे अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने पर भी बातचीत हुई.
उधर, अजित डोभाल ने गुरुवार को क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की.मुलाकात के दौरान, उन्होंने बाहरी दबाव के बावजूद रूस के साथ सभी मोर्चों पर सहयोग जारी रखने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता दोहराई.डोभाल की यात्रा ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी करके रूस से तेल खरीदने पर भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाया है. इसके बाद कुल शुल्क 50 फीसदी हो गया है.सूत्रों के अनुसार, डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से राष्ट्रपति पुतिन को इस वर्ष के अंत में भारत आने का निमंत्रण दिया. पुतिन ने आभार के साथ निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
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