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भारत नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने के लिए विदेशमंत्रियों की बातचीत के पक्ष में नहीं है जैसा कि पाकिस्तानी विदेशमंत्री हिना रब्बानी खार ने प्रस्ताव किया है।
बातचीत के लिए खार की पेशकश पर बहुत उत्साह नहीं दिखाते हुए विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि मंत्रियों के बीच सीधी बातचीत जल्दबाजी में नहीं हो सकती।
खार ने बुधवार को रात इस्लामाबाद में जारी एक बयान में कहा था, ‘‘... दोनों देशों के लिए यही सुझाव है कि संघर्षविराम के सम्मान को बहाल करने के लिए वे नियंत्रण रेखा से संबंधित सभी मुद्दों पर बातचीत करें। संभव हो तो यह बातचीत विदेशमंत्री के स्तर पर हो जिससे समाधान निकाला जा सके।’’
भारत के आगे के कदम के बारे में खुर्शीद ने कहा, ‘‘हमें मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और हमें कदम दर कदम आगे बढ़ना चाहिए।’’ इस बीच खुर्शीद और रक्षामंत्री एके एंटनी ने गुरुवार को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 8 जनवरी को नियंत्रण रेखा पर हुई घटना के फलस्वरूप उत्पन्न हालात के बारे में जानकारी दी।
इस घटना में दो भारतीय सैनिकों की हत्या कर दी गई थी और पाकिस्तानियों ने एक भारतीय सैनिक का सिर धड़ से अलग कर दिया था।
समझा जाता है कि खुर्शीद ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बताया कि पाकिस्तान ने घटना की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने की पूर्व की मांग पर लचीला रुख अपनाया है और अब वह द्विपक्षीय वार्ता चाहता है।
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