प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देते संस्कृति मंत्री महेश शर्मा
नई दिल्ली:
थियेटर के महाकुंभ यानी थियेटर ओलंपिक्स के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और भारत इस बार इसकी मेजबानी करने को पूरी तरह से तैयार है. आठवें थियेटर ओलंपिक्स का 17 फरवरी को औपचारिक उदघाटन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडु दिल्ली में लालकिला में करेंगे. 17 फरवरी से आठ अप्रैल तक चलने वाले इस समारोह का समापन मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर होगा. ये जानकारी संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (रानावि) में बुलाए गए प्रेस कांफ्रेस में दी.
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक और इस फेस्टिवल के भी निदेशक वामन केंद्रे ने कहा कि भारत में थिएटर ओलंपिक का आयोजन वैसी ही कोशिश है जैसे शेक्सपियर को ब्रिटिश सरकार ने, बर्तोल्त ब्रेख्त को जर्मनी की सरकार ने और हेनरिक इब्सन को नार्वे की सरकार ने दुनिया भर में फैलाया. यह आयोजन भारतीय रंगमंच को ‘प्रोमोट और प्रोजेक्ट’ करेगा. भारतीय रंगमंच की विविधता वैश्विक दर्शक के सामने पहली बार एक मंच पर दिखेगी और यह भारतीय रंग परम्परा में स्वतन्त्रता के बाद देश का सबसे ‘बेहतर’ थियेटर इवेंट होगा.
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रानावि सोसाइटी के कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन देव चारण ने कहा कि भारतीय रंगमंच का जो चेहरा पचास साल में निर्मित हुआ है यह आयोजन उसे दिखायेगा. वहीं, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अपने व्यक्तव्य में पीएम मोदी के सपनों का जिक्र करते हुए कहा कि नाटक के जरिये जटिल से जटिल समस्याओं को आसानी से लोगों के सामने रखा जा सकता है, क्योंकि थियेटर माध्यम की अपील बहुत बड़ी है और यह आयोजन एक गर्व का विषय भी है.
आठवें थिएटर ओलंपिक्स का आयोजन दिल्ली के अलावा चेन्नई, बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, कोलकाता, तिरुअंनतपुरम, भुवनेश्वर, पटना, अगरतला, गुवाहाटी, भोपाल, मणिपुर, जयपुर, चंडीगढ़, जम्मू, अहमदाबाद, मुंबई के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी होगा. इस दौरान 450 के करीब प्रस्तुतियां, 600 एम्बिएंस पर्फार्मेंस और 250 यूथ पर्फार्मेंस भी होगा. रानावि का यह अनुमान है कि इस ओलम्पिक में दुनिया भर से आये 25,000 के करीब कलाकार भाग लेंगे. नाट्य प्रस्तुतियों के अलावा दो अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार, 6 राष्ट्रीय सेमीनार, निर्देशक से मुलाकात, दिग्गज रंगकर्मियों की मास्टरक्लास और लिविंग लीजेंड सीरीज का भी आयोजन होगा जिसमें कला जगत के मुर्धन्य दर्शकों से रूबरू होते हैं. संगोष्ठियों का आयोजन दिल्ली के अतीरिक्त भोपाल, बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता और वाराणसी में भी होगा.
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आठवें थियेटर ओलंपिक्स की थीम है ‘मित्रता का ध्वज’ यानी ‘फ्लैग ऑफ फ्रेंडशिप’. इसमें ऑस्ट्रेलिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, चीन, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, इजराइल, इटली, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, नेपाल, पोलेंस, रूस, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया, स्पाइन, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका समेत लगभग तीस देश के रंग समूह और रंगकर्मी भाग लेंगे. भारत में रंगमंच से सिनेमा में गए कलाकार भी इसमें भाग लेंगे.
बता दें कि थियेटर ओलम्पिक की परिकल्पना ग्रीक निर्देशक थिएडोरस टेरजोपोलोस ने की थी जो इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ थियेटर ओलम्पिक के अध्यक्ष भी है. पहले थियेटर ओलम्पिक का आयोजन 1995 में डेल्फाई, ग्रीस में हुआ था. दूसरे ओलम्पिक की मेजबानी जापान ने 1999 में की थी. उसके बाद से ये ओलम्पिक इस्तांबुल, टर्की,सिओल, चीन और पोलैंड में हो चुका है. 2016 में पोलैंड में हुए ओलम्पिक का थीम था ‘द वर्ल्ड ऐज प्लेस ऑफ़ ट्रुथ’. रतन थियम और वामन केंद्रे तीन साल से इस आयोजन के लिए प्रयासरत थे. रतन थियम इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ थियेटर ओलम्पिक के सदस्य भी हैं.
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थिएटर ओलम्पिक ने सालाना होने वाले भारत रंग महोत्सव जिसका दिल्ली में 1999 से आयोजन हो रहा था कि जगह इस साल ली है लेकिन आयोजन का स्वरूप कमोबेश भारत रंग महोत्सव जैसा है. दिल्ली में प्रस्तुतियां मंडी हाउस के आस पास ही केंद्रीत होंगी. अभी वेबसाइट पर चेन्नई, बेंगलुरु और दिल्ली का शेड्यूल ही है. होली और परीक्षा के सीजन में पचास दिन के करीब चलने वाला यह आयोजन थिएटर को कितना ‘प्रोजेक्ट और प्रोमोट’ कर पाएगा यह देखने वाली बात होगी.
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नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निदेशक और इस फेस्टिवल के भी निदेशक वामन केंद्रे ने कहा कि भारत में थिएटर ओलंपिक का आयोजन वैसी ही कोशिश है जैसे शेक्सपियर को ब्रिटिश सरकार ने, बर्तोल्त ब्रेख्त को जर्मनी की सरकार ने और हेनरिक इब्सन को नार्वे की सरकार ने दुनिया भर में फैलाया. यह आयोजन भारतीय रंगमंच को ‘प्रोमोट और प्रोजेक्ट’ करेगा. भारतीय रंगमंच की विविधता वैश्विक दर्शक के सामने पहली बार एक मंच पर दिखेगी और यह भारतीय रंग परम्परा में स्वतन्त्रता के बाद देश का सबसे ‘बेहतर’ थियेटर इवेंट होगा.
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रानावि सोसाइटी के कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन देव चारण ने कहा कि भारतीय रंगमंच का जो चेहरा पचास साल में निर्मित हुआ है यह आयोजन उसे दिखायेगा. वहीं, संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने अपने व्यक्तव्य में पीएम मोदी के सपनों का जिक्र करते हुए कहा कि नाटक के जरिये जटिल से जटिल समस्याओं को आसानी से लोगों के सामने रखा जा सकता है, क्योंकि थियेटर माध्यम की अपील बहुत बड़ी है और यह आयोजन एक गर्व का विषय भी है.
आठवें थिएटर ओलंपिक्स का आयोजन दिल्ली के अलावा चेन्नई, बेंगलुरु, भोपाल, चंडीगढ़, कोलकाता, तिरुअंनतपुरम, भुवनेश्वर, पटना, अगरतला, गुवाहाटी, भोपाल, मणिपुर, जयपुर, चंडीगढ़, जम्मू, अहमदाबाद, मुंबई के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी होगा. इस दौरान 450 के करीब प्रस्तुतियां, 600 एम्बिएंस पर्फार्मेंस और 250 यूथ पर्फार्मेंस भी होगा. रानावि का यह अनुमान है कि इस ओलम्पिक में दुनिया भर से आये 25,000 के करीब कलाकार भाग लेंगे. नाट्य प्रस्तुतियों के अलावा दो अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार, 6 राष्ट्रीय सेमीनार, निर्देशक से मुलाकात, दिग्गज रंगकर्मियों की मास्टरक्लास और लिविंग लीजेंड सीरीज का भी आयोजन होगा जिसमें कला जगत के मुर्धन्य दर्शकों से रूबरू होते हैं. संगोष्ठियों का आयोजन दिल्ली के अतीरिक्त भोपाल, बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता और वाराणसी में भी होगा.
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बता दें कि थियेटर ओलम्पिक की परिकल्पना ग्रीक निर्देशक थिएडोरस टेरजोपोलोस ने की थी जो इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ थियेटर ओलम्पिक के अध्यक्ष भी है. पहले थियेटर ओलम्पिक का आयोजन 1995 में डेल्फाई, ग्रीस में हुआ था. दूसरे ओलम्पिक की मेजबानी जापान ने 1999 में की थी. उसके बाद से ये ओलम्पिक इस्तांबुल, टर्की,सिओल, चीन और पोलैंड में हो चुका है. 2016 में पोलैंड में हुए ओलम्पिक का थीम था ‘द वर्ल्ड ऐज प्लेस ऑफ़ ट्रुथ’. रतन थियम और वामन केंद्रे तीन साल से इस आयोजन के लिए प्रयासरत थे. रतन थियम इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ थियेटर ओलम्पिक के सदस्य भी हैं.
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