यह ख़बर 29 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारत ने जकी-उर-रहमान लखवी को जमानत पर चिंता जताई, पाक उच्चायुक्त तलब

आतंकी जकीउर रहमान की फाइल फोटो

नई दि्ल्ली:

भारत ने 26/11 के मुख्य आरोपी जकी-उर-रहमान लखवी को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद रिहाई से जुड़ी खबरों के आने के बाद गहरी चिंता व्यक्त की है। लखवी के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर पाकिस्तान से 'गहरी चिंता' जताते हुए भारत ने आज कहा कि यह पड़ोसी देश अभी भी कुख्यात आतंकी समूहों की सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है।

इस मामले को भारत ने राजधानी दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों जगह पाकिस्तान के समक्ष उठाया। विदेश सचिव सुजाता सिंह ने दिल्ली पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर इस सिलसिले में पड़ोसी देश में किए गए फैसले पर चिंता जताई। वहीं पाकिस्तान में भारत के उच्चायोग ने यह मामला पाकिस्तान के विदेश विभाग के सामने उठाया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने बताया, 'विदेश सचिव ने आज दोपहर बासित को तलब किया। विदेश सचिव ने पाकिस्तान की आतंक-निरोधी अदालत द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी और मुंबई आतंकी हमले में शामिल लखवी को रिहा करने के आदेश के खिलाफ पाकिस्तान के अभियोजन प्राधिकारों की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करने पर गहरी चिंता व्यक्त की।'

उन्होंने कहा, पड़ोसी देश से एक बार फिर कहा गया कि हम पाकिस्तान से उम्मीद करते हैं कि वह हमें दिए गए इन आश्वासनों को पूरा करेगा कि मुंबई के आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार सभी लोगों को सजा दिलाने के काम में तेजी लाई जाएगी।

प्रवक्ता ने कहा, यह बहुत ही चिंताजनक है कि छह साल से ऐसे आश्वासन दिए जाने, और हाल ही में पाकिस्तान में हुई त्रासदीपूर्ण घटना (पेशावर में सैन्य स्कूल में बच्चों का नरसंहार) के बावजूद पाकिस्तान कुख्यात आतंकी समूहों की पनाहगाह बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकवादी हमले की साजिश के मुख्य आरोपी जकिउर रहमान लखवी को हिरासत में रखने के आदेश को सोमवार को निलंबित कर दिया। 'जियो न्यूज' के अनुसार, यह आदेश सोमवार को न्यायमूर्ति नूर-अल-हक कुरैशी ने दिया।

लखवी को पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश सैय्यद कौसर अब्बास जैदी ने 18 दिसम्बर को जमानत दी थी। लेकिन उसे 19 दिसम्बर को एक बार फिर व्यवस्था बनाए रखने से संबंधित धारा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था।

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उसे मुंबई हमले के एक मात्र जिंदा पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब के बयान पर फरवरी 2009 में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।  कसाब को आतंकवादी हमले के लिए भारत की जेल में 21 नवंबर, 2012 को फांसी दे दी गई थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)