भारत-चीन के पूर्वी लद्दाख के गालवाना घाटी में सोमवार रात को हुई हिंसक झड़प में जान गंवाने वाले 20 भारतीय जवानों में से बिहार के समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन प्रखंड के 24 साल के जांबाज अमन कुमार भी शामिल हैं. भारतीय-चीनी जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में देश के नाम पर अपनी जान देने वाले अमन कुमार के जाने पर उनके घर के अलावा पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है. समस्तीपुर जिले के मोहिउद्दीन नगर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां के युवकों में देश सेवा की भावना इतनी है कि यहां के 55 से 60 प्रतिशत युवक डिफेंस की नौकरी करते हैं. अमन कुमार जिस गांव में रहते थे उस गांव के 40 फीसद युवा डिफेंस की नौकरी में हैं और गांव के वकील अमित कुमार कहते हैं कि जब-जब देश ने लड़ाई लड़ी है तब-तब यहां के जांबाज युवक शहीद हुए हैं हैं.
अमन कुमार के परिवारजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ है. कल शाम सात बजे फोन से सूचना मिली थी लेकिन बुधवार की दोपहर तक किसी अधिकारी ने फोन नहीं किया और नहीं कोई परिवार की सुध लेने आया है. पिताजी सुधीर सिंह की आंखें पुत्र वियोग से सूख सी गई हैं. उन्होंने कहा कि 'मुझे 3 बेटे और एक बेटी हैं. बेटी की अभी पुलिस की नौकरी लगवाई है, वो अभी पटना में कॉन्स्टेबल है, बेटी से छोटा अमन था, पिछले साल ही धूम-धाम के साथ उसकी शादी की थी बाढ़ में.'
सुधीर सिंह बेटे के शहादत से दुखी हैं. फिर भी सरकार से ये मांग कर रहे हैं कि उनके छोटे बेटे रोहित कुमार, जो 18 वर्ष का है उसे देश सेवा के लिए आर्मी की नौकरी दे दें.
बता दें कि बिहार के ही एक और जवान ने इस झड़प में अपनी जान गंवाई है. कोशी जिले के 26 साल के कुंदन कुमार की इस झड़प में जान गई है. वहीं झारखंड के साहिबगंज के कुंदन ओझा और तेलंगाना के संतोष बाबू सहित कुल 20 जवानों की जान गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ सीमा तनाव पर चर्चा के लिए 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
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