नौसेना प्रमुख आरके धवन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नौसेना प्रमुख ऐडमिरल रोबिन धवन ने कहा कि अब नौसेना विदेश से कोई युद्धपोत या पनडुब्बी नहीं खरीदेगी। उच्च तकनीक वाले हेलिकॉप्टर और विमान भी नहीं खरीदे जाएंगे, बल्कि भारतीय कंपनियां ही विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर ऐसे विमान बनाएंगी।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि अगर देश की विकास दर को नौ से दस फ़ीसदी तक ले जाना है तो यह रक्षा उद्योग के बूते ही संभव हो पाएगा।
नौसेना प्रमुख ऐडमिरल धवन और अमिताभ कांत ने ये बात दिल्ली में फिक्की और नौसेना की ओर से आयोजित मेक इन इंडिया सेमिनार में कही। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि मौजूदा सरकार डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों को एक बराबर मौका दे रही है। इसका फायदा वो बखूबी उठा सकते हैं। इससे न केवल उच्च तकनीक देश में आएगी बल्कि लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा। अब नौसेना में तो भारत की छवि हथियारों के आयातक की बजाय उत्पादक की बन गई है। नौसेना के 46 नए युद्धपोत भारत के शिपयार्ड में ही बन रहे हैं।
वहीं नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत में तो 200 साल से जहाज बनाने की परंपरा रही है। हमारी कोशिश है कि दुनिया में वर्ल्ड क्लास जहाज भारत में ही बनें। हेलीकॉप्टर और विमान के बनाने की तकनीक देश में नहीं है तो भारतीय कंपनियां साझा तौर पर इन्हें भारत में ही बनाएं। उन्होंने ये भी कहा कि अब उद्योगों को आगे आना चाहिए तभी मेक इन इंडिया सफल हो पाएगा।
विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के लिये उस जोशोखऱोश के साथ सामने नहीं आ रही हैं जितनी सरकार को उम्मीद थी। एयरबस जैसी कंपनियों का मानना है कि जब एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से नहीं बढ़ाई जाती है तो फिर क्यों विदेशी कंपनियां तकनीक और पैसा लेकर भारत आएं।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि अगर देश की विकास दर को नौ से दस फ़ीसदी तक ले जाना है तो यह रक्षा उद्योग के बूते ही संभव हो पाएगा।
नौसेना प्रमुख ऐडमिरल धवन और अमिताभ कांत ने ये बात दिल्ली में फिक्की और नौसेना की ओर से आयोजित मेक इन इंडिया सेमिनार में कही। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि मौजूदा सरकार डिफेंस सेक्टर में प्राइवेट और पब्लिक कंपनियों को एक बराबर मौका दे रही है। इसका फायदा वो बखूबी उठा सकते हैं। इससे न केवल उच्च तकनीक देश में आएगी बल्कि लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा। अब नौसेना में तो भारत की छवि हथियारों के आयातक की बजाय उत्पादक की बन गई है। नौसेना के 46 नए युद्धपोत भारत के शिपयार्ड में ही बन रहे हैं।
वहीं नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारत में तो 200 साल से जहाज बनाने की परंपरा रही है। हमारी कोशिश है कि दुनिया में वर्ल्ड क्लास जहाज भारत में ही बनें। हेलीकॉप्टर और विमान के बनाने की तकनीक देश में नहीं है तो भारतीय कंपनियां साझा तौर पर इन्हें भारत में ही बनाएं। उन्होंने ये भी कहा कि अब उद्योगों को आगे आना चाहिए तभी मेक इन इंडिया सफल हो पाएगा।
विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के लिये उस जोशोखऱोश के साथ सामने नहीं आ रही हैं जितनी सरकार को उम्मीद थी। एयरबस जैसी कंपनियों का मानना है कि जब एफडीआई की सीमा 49 फीसदी से नहीं बढ़ाई जाती है तो फिर क्यों विदेशी कंपनियां तकनीक और पैसा लेकर भारत आएं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
नौसेना प्रमुख, आरके धवन, ऐडमिरल रोबिन धवन, मेक इन इंडिया, नीति आयोग, अमिताभ कांत, Navy Chief, RK Dhowan, Admiral Robin Dhowan, Make In India, NITI Aayog