इस अभ्यास का मकसद भारत-सिंगापुर नौसेनाओं के बीच अभियान बढ़ाना है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
भारत एवं सिंगापुर की नौसेना ने गुरुवार को दक्षिणी चीन सागर में सात दिन तक चलने वाला समुद्री अभ्यास शुरू किया. इस क्षेत्र को लेकर चीन ने अपना दावा प्रमुखता से रखना शुरू कर दिया है.
भारतीय नौसेना के चार युद्धपोत तथा लंबी दूरी तक मार करने वाला पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान पी-81 एसआईएमबीईएक्स (सिंगापुर भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास) में हिस्सा ले रहे हैं. इस अभ्यास का मकसद दोनों नौसेनाओं के बीच अभियान बढ़ाना है. इस अभ्यास के दौरान समुद्र में विभिन्न अभियानगत गतिविधियों की योजना बनाई गई है.
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया, 'इस वर्ष समुद्र में अभ्यास का जोर पनडुब्बी रोधी युद्धकौशल, जमीन, वायु एवं भूमि के नीचे की ताकतों के साथ समन्वित अभियानों, वायु रक्षा तथा जमीनी मुठभेड़ अभ्यासों पर रहेगा'. सिंगापुर नौसेना के कई युद्धपोत इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं. साथ ही इसमें सिंगापुर के समुद्री गश्त विमान फोकर एफ50 और एफ 16 विमान भी शामिल होंगे.
(इनपुट भाषा से)
भारतीय नौसेना के चार युद्धपोत तथा लंबी दूरी तक मार करने वाला पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान पी-81 एसआईएमबीईएक्स (सिंगापुर भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास) में हिस्सा ले रहे हैं. इस अभ्यास का मकसद दोनों नौसेनाओं के बीच अभियान बढ़ाना है. इस अभ्यास के दौरान समुद्र में विभिन्न अभियानगत गतिविधियों की योजना बनाई गई है.
नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया, 'इस वर्ष समुद्र में अभ्यास का जोर पनडुब्बी रोधी युद्धकौशल, जमीन, वायु एवं भूमि के नीचे की ताकतों के साथ समन्वित अभियानों, वायु रक्षा तथा जमीनी मुठभेड़ अभ्यासों पर रहेगा'. सिंगापुर नौसेना के कई युद्धपोत इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं. साथ ही इसमें सिंगापुर के समुद्री गश्त विमान फोकर एफ50 और एफ 16 विमान भी शामिल होंगे.
(इनपुट भाषा से)
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