अब जांच केवल रेल में सवार होते और उतरते वक्त ढाका कंटोनमेंट और कोलकाता स्टेशन पर होगी
नई दिल्ली:
ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस के यात्रियों के लिए सीमाओं पर आव्रजन और कस्टम जांच की व्यवस्था शीघ्र समाप्त की जाएगी .भारत और बांग्लादेश रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की ही भांति यह जांच केवल रेल में सवार होते और उतरते वक्त ढाका कंटोनमेंट और कोलकाता स्टेशन में ही होगी. इससे यात्रा की अवधि नौ घंटे से घट कर छह से सात घंटे के बीच हो जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की सरकार ने बांग्लादेश की तरफ के दर्शना और भारत की ओर के गेदे आव्रजन नाकों को समाप्त करने का निर्णय किया है.
दोनों तरफ के यात्री इस कठिन और वक्त बर्बाद करने वाली प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग कर रहे थे. यात्रियों को जांच के लिए इन दोनों नाकों पर समान सहित उतरना पड़ता है जिससे दो से तीन घंटे का समय लगता है. अधिकारियों ने कहा कि यात्री यात्रा के दौरान बीच में नहीं उतर सकेंगे.
पढ़ें: बांग्लादेश ने भारत से लगी सीमा पर रोहिंग्याओं के प्रवेश के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी की
इस नयी आव्रजन जांच की शुरूआत नवंबर में दोनों देशों के प्रधानमंत्री कर सकते हैं. बांग्लादेश रेलवे के सहायक महानिदेशक (संचालन) मोहम्मद हबीबुर रहमान ने कहा कि नयी प्रणाली अगले महीने आधिकारिक रूप से शुरू कर दी जाएगी और अब कोलकाता एवं ढाका में जांच की जाएगी. इससे इस तरह की जांच के दौरान यात्रियों को होनी वाली उन कई समस्याओं का हल हो जाएगा जिनके कारण देरी भी होती है.
भारतीय रेल अधिकारियों ने कहा कि जहां दर्शना और गेदे में अब कोई जांच नहीं होगी, इन स्टेशनों पर दोनों में किसी भी देश के सुरक्षा बल की तकनीक जांच लिए ट्रेन रुकेगी. इस तरह की जांच के लिए ट्रेन के रुकने के दौरान यात्रियों के डिब्बे से किसी तरह की आवाजाही पर रोक होगी.
इस समय भारत और बांग्लादेश में पश्चिम बंगाल एवं पश्चिमी बांग्लादेश के बीच काम कर रहे चार रेल लिंक हैं. इनमें पेट्रापोल-बेनापोल, गेदे-दर्शना, राधिकापुर-बिराल और सिंहबाद-रोहनपुर शामिल हैं. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच रेल लिंक की संख्या बढ़ाकर छह करने के लिए अगले साल दो और रेल लिंक के संचालन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
भारतीय रेल पहले ही अपने आगामी लिंक को सूचीबद्ध कर चुका है जिनमें उत्तरी पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी से बांग्लादेश के चिलाहाटी और पूर्वी बांग्लादेश के शाहबाज से असम के महिसासन के बीच का लिंक शामिल है. दोनों देशों के बीच तीन और रेल लिंक का प्रस्ताव दिया गया है जिनमें उत्तर पश्चिमी बांग्लादेश के पंचगढ़ एवं सिलीगुड़ी, बांग्लादेश के जरिये पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा को जोड़ने वाला अगरतला-अखौरा लिंक और दक्षिणी त्रिपुरा के सीमाई शहर बेलोनिया को (दक्षिणपूर्वी) बांग्लादेश के चटगांव अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह से जोड़ने वाला लिंक शामिल हैं. यह दोनों भारतीय और बांग्लादेश रेलवे के लिए एक बड़ी जीत है. अगर यह सफल रहता है तो हम यूरोप की तरह रात में इन ट्रेनों को चलाने की योजना पर काम करेंगे.
(इनपुट भाषा से)
अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की ही भांति यह जांच केवल रेल में सवार होते और उतरते वक्त ढाका कंटोनमेंट और कोलकाता स्टेशन में ही होगी. इससे यात्रा की अवधि नौ घंटे से घट कर छह से सात घंटे के बीच हो जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की सरकार ने बांग्लादेश की तरफ के दर्शना और भारत की ओर के गेदे आव्रजन नाकों को समाप्त करने का निर्णय किया है.
दोनों तरफ के यात्री इस कठिन और वक्त बर्बाद करने वाली प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग कर रहे थे. यात्रियों को जांच के लिए इन दोनों नाकों पर समान सहित उतरना पड़ता है जिससे दो से तीन घंटे का समय लगता है. अधिकारियों ने कहा कि यात्री यात्रा के दौरान बीच में नहीं उतर सकेंगे.
पढ़ें: बांग्लादेश ने भारत से लगी सीमा पर रोहिंग्याओं के प्रवेश के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी की
इस नयी आव्रजन जांच की शुरूआत नवंबर में दोनों देशों के प्रधानमंत्री कर सकते हैं. बांग्लादेश रेलवे के सहायक महानिदेशक (संचालन) मोहम्मद हबीबुर रहमान ने कहा कि नयी प्रणाली अगले महीने आधिकारिक रूप से शुरू कर दी जाएगी और अब कोलकाता एवं ढाका में जांच की जाएगी. इससे इस तरह की जांच के दौरान यात्रियों को होनी वाली उन कई समस्याओं का हल हो जाएगा जिनके कारण देरी भी होती है.
भारतीय रेल अधिकारियों ने कहा कि जहां दर्शना और गेदे में अब कोई जांच नहीं होगी, इन स्टेशनों पर दोनों में किसी भी देश के सुरक्षा बल की तकनीक जांच लिए ट्रेन रुकेगी. इस तरह की जांच के लिए ट्रेन के रुकने के दौरान यात्रियों के डिब्बे से किसी तरह की आवाजाही पर रोक होगी.
इस समय भारत और बांग्लादेश में पश्चिम बंगाल एवं पश्चिमी बांग्लादेश के बीच काम कर रहे चार रेल लिंक हैं. इनमें पेट्रापोल-बेनापोल, गेदे-दर्शना, राधिकापुर-बिराल और सिंहबाद-रोहनपुर शामिल हैं. भारतीय अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच रेल लिंक की संख्या बढ़ाकर छह करने के लिए अगले साल दो और रेल लिंक के संचालन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
भारतीय रेल पहले ही अपने आगामी लिंक को सूचीबद्ध कर चुका है जिनमें उत्तरी पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी से बांग्लादेश के चिलाहाटी और पूर्वी बांग्लादेश के शाहबाज से असम के महिसासन के बीच का लिंक शामिल है. दोनों देशों के बीच तीन और रेल लिंक का प्रस्ताव दिया गया है जिनमें उत्तर पश्चिमी बांग्लादेश के पंचगढ़ एवं सिलीगुड़ी, बांग्लादेश के जरिये पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा को जोड़ने वाला अगरतला-अखौरा लिंक और दक्षिणी त्रिपुरा के सीमाई शहर बेलोनिया को (दक्षिणपूर्वी) बांग्लादेश के चटगांव अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह से जोड़ने वाला लिंक शामिल हैं. यह दोनों भारतीय और बांग्लादेश रेलवे के लिए एक बड़ी जीत है. अगर यह सफल रहता है तो हम यूरोप की तरह रात में इन ट्रेनों को चलाने की योजना पर काम करेंगे.
(इनपुट भाषा से)
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