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This Article is From Aug 15, 2013

तंग और सांप्रदायिक ख्याल लोकतंत्र और देश को करेंगे कमजोर : पीएम

नई दिल्ली: भाजपा नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज आगाह किया कि तंग और सांप्रदायिक ख्याल लोकतंत्र और देश को कमजोर करेंगे और ऐसे ख्यालों को पनपने से रोकना चाहिए।

लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार दसवां भाषण कर रहे सिंह ने कहा, एक आधुनिक प्रगतिशील और धर्म निरपेक्ष देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है। हमें इसे रोकना होगा। करीब 30 मिनट के भाषण में सिंह ने मोदी को लेकर कोई सीधी बात नहीं की, लेकिन शायद उनका इशारा गुजरात के मुख्यमंत्री की ही ओर था।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमें अपनी संस्कृति की उन परंपराओं को मजबूत करना होगा, जो हमें अन्य विचारधाराओं के प्रति सहनशील होना और उनका सम्मान करना सिखाती हैं। मैं आज सभी राजनीतिक दलों, समाज के सभी वर्गों और आम जनता से इस दिशा में प्रयास की अपील करता हूं। सिंह ने कहा कि 2012 में और इस साल कुछ चिन्ताजनक सांप्रदायिक घटनाओं के बावजूद सांप्रदायिक सद्भाव के लिहाज से पिछले नौ साल अच्छे रहे।

लगातार दसवीं बार स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधन कर रहे सिंह ने जोर देकर कहा कि सहिष्णुता को प्रोत्साहित करने के लिए धर्म निरपेक्ष परंपराओं को मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं सभी राजनीतिक दलों और हमारे समाज के सभी वर्गों और जनता से अपील करूंगा कि वे इस दिशा में काम करें। मुगल शासक शाहजहां द्वारा 17वीं शताब्दी में निर्मित लाल किले पर आज चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था थी। समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, रक्षा मंत्री एके एंटनी सहित केन्द्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता सुषमा स्वराज और अरुण जेटली तथा विदेशी राजनयिक शामिल हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा भारत खुशहाल होगा और उसकी खुशहाली में सभी नागरिक बराबर के शरीक होंगे चाहे उनका धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा कुछ भी हो। इसके लिए हम सबको मिलकर देश में राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक एकता और सुरक्षा का माहौल बनाना होगा। आईएनएस सिंधुरक्षक की दुर्घटना पर गहरा अफसोस व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, हमें इस बात का भी बेहद अफसोस है कि कल एक दुर्घटना में हमने अपनी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक को खो दिया। इस हादसे में 18 बहादुर नौसैनिकों के शहीद होने की आशंका है। यह नुकसान इसलिए और भी दर्दनाक है क्योंकि अभी हाल ही में हमारी नौसेना ने अपनी पहली परमाणु पनडुब्बी अरिहंत और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के रूप में दो बड़ी कामयाबियां हासिल की थीं।

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