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This Article is From Mar 07, 2016

दो सालों में ट्रेनों और स्टेशनों पर अपराध बढ़े, निगरानी तंत्र मजबूत करने की कोशिश

दो सालों में ट्रेनों और स्टेशनों पर अपराध बढ़े, निगरानी तंत्र मजबूत करने की कोशिश
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: पिछले दो सालों में ट्रेनों और स्टेशनों पर अपराधों में वृद्धि हुई है। रेल मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार 2014 में ट्रेनों में 13,813 अपराध हुए थे। यह संख्या 2015 में बढ़कर 17,726 हो गई। इसी तरह 2014 में रेल परिसरों में 8,085 अपराध हुए और 2015 में यह संख्या बढ़कर 9,650 हो गई।

एकीकृत सुरक्षा प्रणाली को मंजूरी
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे की सुरक्षा एवं संरक्षा का ढांचा मजबूत करना एक अनवरत प्रक्रिया है और इन पहलुओं को सुधारने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। देश भर के 202 संवेदनशील स्टेशनों पर निगरानी तंत्र मजबूत करने के लिए सीसीटीवी, अभिगमन नियंत्रण और तोड़फोड़ विरोधी जांच से जुड़ी एक एकीकृत सुरक्षा प्रणाली को मंजूरी दे दी गई है।

स्टेशनों पर पांच हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे
अधिकारी ने कहा कि खतरे की धारणा को आधार में रखकर और निगरानी को मजबूत करने के उद्देश्य से रेलवे ने विभिन्न स्टेशनों पर 5,367 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इस समय हर दिन 2,300 ट्रेनों में आरपीएफ कर्मी जबकि 2,200 ट्रेनों में जीआरपी कर्मी तैनात होते हैं। यात्रियों को किसी भी समय सुरक्षा संबंधी मदद उपलब्ध कराने के लिए पूरे देश में एक रेलवे सुरक्षा हेल्पलाइन 182 चालू की गई है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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