नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को तीन नई प्राथमिकी दर्ज की। इसमें नम्रता डामोर की संदिग्ध मौत का मामला भी शामिल है, जिसे सीबीआई ने हत्या मान लिया है। इस तरह व्यापमं घोटाले में सीबीआई द्वारा अब तक दर्ज कुल प्राथमिकियों की संख्या आठ हो गई है। व्यापमं घोटाले में नम्रता डामोर की मौत का मामला सबसे सनसनीखेज रहा है।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नम्रता की केस डायरी सीबीआई के पास पहुंच गई थी और शुक्रवार को नम्रता की मौत को हादसा नहीं हत्या मानते हुए सीबीआई ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार, पीएमटी (प्री मेडीकल टेस्ट) 2010 को लेकर भी दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पीएमटी के मामले में कुल 12 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव, सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के पास शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। वह इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से जबलपुर जा रही थी। शव मिलने के 22 दिन बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख़्त की थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत की वजह मुंह, नाक और गले का दबाना बताया गया था लेकिन 2014 की क्लोज़र रिपोर्ट में पुलिस ने इसे खुदकुशी करार देते हुए प्रकरण को खत्म कर दिया।
नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने हाल ही में एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि नम्रता की मौत हादसा नहीं थी, बल्कि नाक, मुंह दबाकर उनकी हत्या की गई थी। उसके शरीर पर पड़े घाव से साफ दिखता है कि मरने के बाद उसके शरीर को घसीटकर रेलवे ट्रैक पर फेंका गया है। 4 जुलाई को पत्रकार अक्षय की मौत के बाद नम्रता के साथ हुआ ये हादसा फिर से सुर्खियों में आ गया। गौरतलब है कि नम्रता के पिता से बातचीत के कुछ देर बाद ही अक्षय की मौत हो गई।
इसी के मद्देनजर सीबीआई ने डामोर सहित पांच संदिग्ध मौतों का ब्यौरा पुलिस से मांगा था। सीबीआई ने व्यापमं मामले में आठ प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें 172 आरोपी बनाए जा चुके हैं। ख़बर है कि सीबीआई और अब तक मामले की जांच कर रहे एसटीएफ और जिलास्तरीय पुलिस की एसआईटी के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे हैं।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात नम्रता की केस डायरी सीबीआई के पास पहुंच गई थी और शुक्रवार को नम्रता की मौत को हादसा नहीं हत्या मानते हुए सीबीआई ने धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। सूत्रों के अनुसार, पीएमटी (प्री मेडीकल टेस्ट) 2010 को लेकर भी दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। पीएमटी के मामले में कुल 12 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा नम्रता का शव, सात जनवरी, 2012 को उज्जैन जिले के कायथा के पास शिवपुरा-भेरुपुर रेलवे लाइन पर मिला था। वह इंदौर-बिलासपुर ट्रेन से जबलपुर जा रही थी। शव मिलने के 22 दिन बाद नम्रता के भाई दीपेंद्र ने उसकी शिनाख़्त की थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में मौत की वजह मुंह, नाक और गले का दबाना बताया गया था लेकिन 2014 की क्लोज़र रिपोर्ट में पुलिस ने इसे खुदकुशी करार देते हुए प्रकरण को खत्म कर दिया।
नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक डॉ. बी. बी. पुरोहित ने हाल ही में एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि नम्रता की मौत हादसा नहीं थी, बल्कि नाक, मुंह दबाकर उनकी हत्या की गई थी। उसके शरीर पर पड़े घाव से साफ दिखता है कि मरने के बाद उसके शरीर को घसीटकर रेलवे ट्रैक पर फेंका गया है। 4 जुलाई को पत्रकार अक्षय की मौत के बाद नम्रता के साथ हुआ ये हादसा फिर से सुर्खियों में आ गया। गौरतलब है कि नम्रता के पिता से बातचीत के कुछ देर बाद ही अक्षय की मौत हो गई।
इसी के मद्देनजर सीबीआई ने डामोर सहित पांच संदिग्ध मौतों का ब्यौरा पुलिस से मांगा था। सीबीआई ने व्यापमं मामले में आठ प्राथमिकी दर्ज की है जिसमें 172 आरोपी बनाए जा चुके हैं। ख़बर है कि सीबीआई और अब तक मामले की जांच कर रहे एसटीएफ और जिलास्तरीय पुलिस की एसआईटी के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी हैं। एसटीएफ और एसआईटी ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे हैं।
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