कोविड-19 की दूसरी लहर में बच्चों और युवा आबादी के अधिक प्रभावित होने की धारणाओं को खारिज करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि 1-20 आयु वर्ग के लोगों में दोनों लहरों के दौरान दर्ज किये गये मामले 12 प्रतिशत से कम रहे है. सरकार द्वारा संवाददाता सम्मेलन में साझा किये गये आंकड़ों के अनुसार दूसरी लहर (15 मार्च से 25 मई) के दौरान कुल मामलों में 1-20 साल की उम्र के लोगों की संख्या 11.62 प्रतिशत थी, जबकि पहली लहर (एक जुलाई से 31 दिसंबर) में 11.31 प्रतिशत थी, जो इस आयु वर्ग में संक्रमित लोगों के अनुपात में बहुत अंतर नहीं दर्शाता है.
आंकड़ों से पता चला है कि 21-50 आयु वर्ग दोनों लहरों में सबसे अधिक प्रभावित वर्ग था. इस श्रेणी के लोगों में पहली लहर में 59.74 प्रतिशत संक्रमण था, जबकि दूसरी लहर में 62.45 प्रतिशत था. आंकड़ों के अनुसार 61 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए, पहली लहर में यह अनुपात 13.89 प्रतिशत और दूसरी लहर में 12.58 प्रतिशत था.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पहली लहर में एक से 10 साल के आयु वर्ग में संक्रमण के 3.28 प्रतिशत मामले सामने आए, जबकि दूसरी लहर में यह 3.05 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि पहली लहर में 11-20 वर्ष के आयु वर्ग में 8.03 प्रतिशत और दूसरी लहर में 8.57 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए. तीसरी लहर आने पर बच्चों के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका के बीच सरकार ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बच्चों के बीच गंभीर संक्रमण होने का संकेत देने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है, लेकिन फिर भी सभी आयु वर्ग के लोगों को सतर्क रहने और सावधानियों का पालन करने की आवश्यकता है.
देश में कोविड की स्थिति में सुधार पर प्रकाश डालते हुए, अग्रवाल ने कहा कि सात मई को सबसे अधिक मामले सामने के बाद से दैनिक नए मामलों में लगभग 85 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में 10 मई को सामने आए कोविड के सक्रिय मामलों में 75.6 प्रतिशत की गिरावट आई है.
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