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This Article is From Nov 12, 2020

कोरोना संकट के दौर में सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज का किया ऐलान, जानिए किसे और कैसे मिलेगा लाभ?

आपात कर्ज गारंटी सुविधा स्कीम का विस्तार भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. 10 अहम सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ का प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम स्कीम को कैबिनेट बुधवार को ही मंज़ूरी दे चुकी है.

कोरोना संकट के दौर में सरकार ने बड़े आर्थिक पैकेज का किया ऐलान, जानिए किसे और कैसे मिलेगा लाभ?
नई दिल्ली:

अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने की जद्दोजहद में जुटीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को 2.65 लाख करोड़ के तीसरे आत्मनिर्भर स्टिमुलस पैकेज का ऐलान किया. इसके तहत रोज़गार के नए अवसर बढ़ने के साथ साथ उद्योग के लिए नए फंड्स और किसानो के लिए खाद्य सब्सिडी बढ़ाने का ऐलान शामिल है.

कोरोना संक्रमण के इस दौर में अर्थव्यवस्था संकट से निपटने के लिए वित्त मंत्री ने गुरुवार को तीसरे आर्थिक स्टिमुलस पैकेज के तहत 12 बड़ी घोषणाएं की. इसमें आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत 'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना' का ऐलान हुआ है जिसके तहत ईपीएफओ के तहत पंजीकृत संस्थानों को सब्सिडी दी जाएगी.

संगठित क्षेत्र में ईपीएफओ में रजिस्टर्ड जो कंपनियां 15,000 से कम सैलरी पर नए कर्मचारियों को रखेंगी उन्हें इसका लाभ मिलेगा. 1 मार्च से 30 सितम्बर 2020 के बीच नौकरी खोने वाले कर्मचारी को 1 अक्टूबर के बाद दोबारा रिक्रूट करने वाली कंपनियों को भी इसका फायदा मिलेगा. जिन प्रतिष्ठानों की कर्मचारी सीमा 50 से कम हैं, उन्हें कम से कम दो लोगों औऱ जिनकी सीमा 50 से ऊपर है, उन्हें न्यूनतम 5 लोगों को रोजगार देना होगा.

जिन संस्थानों में 1000 तक कर्मचारी हैं उनमें 15000 से कम सैलरी वाले कर्मचारियों के कर्मचारियों का योगदान वेतन का 12%  और कंपनी यानि मालिक की तरफ से 12 प्रतिशत यानी मजदूरी या वेतन का कुल 24% का खर्च का वहां सरकार करेगी जबकि जिन संस्थानों में 1000 से ज्यादा कर्मचारी हैं उनमें 15000 से कम सैलरी वाले कर्मचारियों का सिर्फ कर्मचारी के 12 प्रतिशत योगदान का खर्च सरकार वहन करेगी

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने NDTV को बताया, "हमने ईपीएफओ पंजीकृत कंपनियों और नए कर्मचारियों को 24 फ़ीसदी तक ईपीएफओ शेयर भारत सरकार की तरफ से देने का फैसला किया है.

इसके साथ ही, कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर भी सरकार का फोकस है. आत्मनिर्भर भारत 3.0 पैकेज के तहत शहरी पीएम आवास योजना के तहत 18,000 करोड़ के व्यय और 18 लाख घरों को पूरा करने की योजना है. रेजिडेंशियल रियल एस्टेट में डिमांड बढ़ाने के लिए डेवलपर्स और होमबायर्स को इनकम टैक्स में रिलीफ देने की घोषणा की है.

आपात कर्ज गारंटी सुविधा स्कीम का विस्तार भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दिया गया है. 10 अहम सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ का प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम स्कीम को कैबिनेट बुधवार को ही मंज़ूरी दे चुकी है. तीसरे आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कुल 2.65 लाख करोड़ के स्टिम्युलुस पैकेज का ऐलान किया गया है.

यह भी पढ़ें- आत्मनिर्भर भारत 3.0 : वित्त मंत्री ने कोरोना के बीच नए रोज़गार पैदा करने के लिए लॉन्च की 'आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना'

वित्त राज्य मंत्री ने कहा है कि पैसे और फंड्स की कमी नहीं होगी. सरकार ने कोविड संकट के दौरान भी फंड्स की कमी नहीं होने दी. अर्थशास्त्री टी हक़ कहते हैं की नए स्टिमुलस पैकेज कितना कर्जा होगा ये इस बात पर निर्भर करेगा की इससे बाजार में नया निवेश और डिमांड कितना बढ़ता है.

टी हक़ के अनुसार, "खाद्य सब्सिडी 6500 करोड़ बढ़ाने से फायदा नहीं होगा. योजनाओं और पैकेज को ज़मीन पर सही तरीके से लागू करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है."

इसके अलावा भारतीय COVID वैक्सीन के अनुसंधान और विकास के लिए 900 करोड़ प्रदान किए जा रहे हैं.
 

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