हाथरस मामले में पीड़िता के भाई ने कहा, ''आरोपी झूठ बोल रहा है, मैं उसके साथ संपर्क में कभी नहीं रहा''

हाथरस में 20 वर्षीय युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता के भाई का कहना है कि आरोपी संदीप ठाकुर झूठ बोल रहा है और खुद को बचाने के लिए अफवाह फैला रहा है.

हाथरस मामले में पीड़िता के भाई ने कहा, ''आरोपी झूठ बोल रहा है, मैं उसके साथ संपर्क में कभी नहीं रहा''

हाथरस मामले में पीड़िता के शव का देर रात अंतिम संस्कार किया गया था.

हाथरस:

हाथरस में 20 वर्षीय युवती के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता के भाई का कहना है कि आरोपी संदीप ठाकुर झूठ बोल रहा है और खुद को बचाने के लिए अफवाह फैला रहा है. बता दें कि मामले में मुख्य आरोपी संदीप ने पुलिस को एक पत्र में लिखा था कि पीड़िता के परिवार ने ही उसे मारा है क्योंकि वे आरोपी और पीड़िता के रिश्ते के खिलाफ थे. पीड़िता के भाई ने पुलिस के उस दावे का भी खंडन किया है कि वह आरोपी के साथ संपर्क में था.

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पीड़िता के भाई ने एएनआई को बताया, "वे खुद को बचाने के तरीके ढूंढ रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं और अफवाह फैला रहे हैं. हम आरोपी के संपर्क में कभी नहीं रहे." "मुझे कॉल रिकॉर्डिंग दिखाइए. ये नकली और आधारहीन रिकॉर्ड हैं." तीन अन्य लोगों के साथ जेल में बंद संदीप ठाकुर ने पुलिस को पत्र लिखा है, जिसमें दावा किया गया कि वह और पीड़िता "दोस्त" थे. आरोपी ने लिखा है, "मिलने के अलावा, हम फोन पर बात करते थे." पत्र में चारों आरोपियों के अंगूठे के निशान  हैं.

आरोपी ने लिखा है, "घटना के दिन, मैं उससे मिलने खेतों में गया था, जहां उसकी मां और भाई भी मौजूद थे. उसके कहने पर मैं घर लौट आया था. " आरोपी ने खुद को बेकसूर बताया है. आरोपी ने लिखा, "मुझे बाद में ग्रामीणों से पता चला कि उसकी मां और भाइयों ने उसे हमारी दोस्ती के चलते पीटा, उसे बुरी तरह घायल कर दिया. मैंने उसके साथ कभी भी मारपीट नहीं की और न ही उसके साथ कुछ गलत किया. उसकी मां और भाइयों ने मुझ पर और तीन अन्य लोगों पर झूठा इल्जाम लगाया और हमें जेल भेजा.'' आरोपी ने कहा, "हम सभी निर्दोष हैं. आपसे अनुरोध है कि कृपया जांच करें और हमें न्याय दिलाएं."

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पीड़िता के पिता ने आरोप को खारिज कर दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई से पीड़िता के पिता ने कहा, "आरोपी उनके बचाव में कुछ भी कहेंगे. हम उनके बारे में कुछ नहीं कह सकते."

बता दें कि 14 सितंबर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और क्रूरतापूर्वक मारपीट के बाद युवती की दो सप्ताह बाद दिल्ली अस्पताल में मौत हो गई थी. उसके शव को उसके गांव ले जाया गया, जहां यूपी पुलिस और प्रशासन ने रात में उसका अंतिम संस्कार कर दिया. मामले में पुलिस पर परिवार की सहमति न लेने के आरोप हैं.

इस घटना ने बड़े पैमाने पर राजनीतिक तूफान ला दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई राजनेताओं ने स्थानीय प्रशासन से प्रतिरोध के बीच परिवार के साथ मुलाकात की. विपक्ष का दावा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार उच्च जाति के आरोपियों को बचाने के लिए परिवार पर दबाव बना रही है. 
 

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