हरियाणा में छह और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 162 हो गयी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुक्रवार शाम जारी बुलेटिन के अनुसार चार नये मामले अंबाला से आये हैं और एक-एक मामले सोनीपत तथा पंचकूला में दर्ज किये गये हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से अपील की है कि घर से बाहर निकलने पर वे मास्क पहने. लोगों को सरकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों की जानकारी देने के लिए टेलीविजन के माध्यम अपने संबोधन में खट्टर ने कहा, ‘‘ मैं घर से बाहर निकलने वालों को मास्क पहनने की अपील करता हूं, चाहे वे साधारण मास्क पहने, दो-तीन परत वाली मास्क पहने या कपड़े का मास्क पहने. वे यहां तक रुमाल को मस्क की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं.''
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राज्य में इस समय 138 संक्रमितों का इलाज चल रहा है जबकि 22 लोगों को संक्रमण मुक्त होने के बाद छुट्टी दे दी गई है. राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से दो लोगों की मौत हुई है. विभाग ने बताया कि अबतक राज्य में 3,527 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं जिनमें से 2,447 नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव (संक्रमण नहीं होने की पुष्टि)आई है. 162 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जबकि 918 नमूनों की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है. बुलेटिन के मुताबिक राज्य में कुल संक्रमित मरीजों में 10 विदेशी और 64 अन्य राज्यों के निवासी हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सबसे अधिक प्रभावित जिला नूह है जहां पर 38 मामले आए हैं. इसके बाद क्रमश: गुरुग्राम (32), पलवल (28), फरीदाबाद (28) है.
बुलेटिन के मुताबिक नूह जिले के उपायुक्त ने 140 गांवों को सील करने का आदेश जारी किया है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है कि राज्य में इस महामारी के मामलों में बढ़ोतरी की एक वजह तबलीगी जमात के सदस्यों का कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाना है. पहले उन्होंने कहा था कि जमात के 106 सदस्यों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
इस बीच, खट्टर ने अपने संबोधन में कहा कि सभी को कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इस लड़ाई में एकजुट होकर प्रयास करना होगा. नूह के अत्याधिक प्रभावित जिले के रूप में उभरने पर खट्टर ने कहा कि तबलीगी जमात के सदस्य जिन्होंने पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्य में हिस्सा लिया था और अब भी छिपे हुए हैं उन्हें प्रशासन के सामने आना चाहिए ताकि उनकी जांच हो सके.
उन्होंने कहा कि मैं नूह-मेवात क्षेत्र के मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील करूंगा कि वे कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में सभी से सहयोग करने की अपील करें. खट्टर ने खानवा की लड़ाई का भी संदर्भ दिया जिसमें मेवात के मशहूर शासक हसन खान मेवाती ने आक्रमणकारी पहले मुगल शासक बाबर के खिलाफ राजपूत शासक राणा सांगा का समर्थन किया था.
उल्लेखनीय है कि खानवा की लड़ाई राजस्थान के भरतपुर जिले स्थित खानवा गांव में 16 मार्च 1527 में बाबर की सेना और मेवाड़ के राजा राणा सांगा के नेतृत्व में राजपूत सेना के बीच हुई थी. उस समय हसन मेवाती ने राणा सांगा का साथ दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सभी मेवाती राणा सांगा के साथ खड़े हुए थे. आज मैं अपने मेवात (नूह जिले स्थित)के भाइयों से कहना चाहता हूं कि हम कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई साथ मिलकर ठीक वैसे ही लड़े जैसे हसन खान मेवाती राणा सांगा के साथ मिलकर लड़े थे .''
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