भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) ने योग गुरु रामदेव (Ramdev) को कानूनी नोटिस भेजा है. इस पर पतंजलि योगपीठ को सफाई देनी पड़ी है. भारतीय चिकित्सा संघ द्वारा लगाए गए उन आरोपों को पतंजलि योगपीठ ने शनिवार को खारिज किया कि योगगुरु रामदेव ने ऐलोपैथी के खिलाफ “अज्ञानतापूर्ण” बयान देकर लोगों को गुमराह किया और वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम किया. सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने पूर्व में कहा था कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘‘एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है....''
हरिद्वार स्थिति पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का “बेहद सम्मान” करते हैं जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं. इसमें कहा गया कि वह “वह उन्हें और कार्यक्रम में भाग ले रहे कई अन्य सदस्यों को व्हाट्सऐप पर प्राप्त एक अग्रसरित संदेश पढ़ रहे थे.”
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया, “स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है. उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत व निरर्थक है.”
इससे पहले आईएमए ने एक बयान में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने ऐलोपैथी और वैज्ञानिक चिकित्सा के खिलाफ “अज्ञानताभरा” बयान देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया.
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