प्रवर्तन निदेशालय द्वारा समन किए जाने के तीन दिनों बाद आईएमए के फरार प्रमुख मंसूर खान ने रविवार को जारी एक वीडियो क्लिप में कथित तौर पर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने की पेशकश की. वीडियो क्लिप में उन्होंने ‘बड़े नामों' का खुलासा करने की बात कही और आशंका जताई कि ये लोग उनकी हत्या करा सकते हैं. आईएमए ज्वेल्स ने अच्छे मुनाफे का वादा कर काफी संख्या में निवेशकों से कथित तौर पर ठगी की है. कंपनी ने पिछले तीन महीने से निवेशों पर कथित तौर पर ब्याज अदा नहीं किया है.
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खान इस महीने की शुरुआत में कुछ निवेशकों को एक ऑडियो क्लिप भेजकर लापता हो गया जिसमें उसने कुछ नेताओं और गुंडों पर परेशान करने के आरोप लगाए और उसने खुदकुशी करने की धमकी दी. महानगर के आयुक्त आलोक कुमार को संबोधित 18 मिनट के वीडियो में उसने कहा, ‘‘मैं लोगों का समर्थन करने और पुलिस को पूरा ब्यौरा सौंपने के लिए लौटना चाहता और मैं उनके साथ सहयोग करने के लिए तैयार हूं.''
उसने कहा, ‘‘जब मैं पुलिस और अदालत के समक्ष गवाही दूंगा तो सभी नामों का खुलासा कर दूंगा. वे छोटे नाम नहीं हैं बल्कि बड़े नाम हैं. मुझे विश्वास है कि ये लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे.'' पुलिस ने कहा कि उन्होंने अभी तक वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है.
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वीडियो में अपना मोबाइल नंबर साझा करते हुए खान ने आरोप लगाया कि आईएमए प्रबंधन के कुछ कर्मचारियों और नेताओं ने उसकी पीठ में छूरा घोंपा और परेशान किया जिस कारण उसे अपने परिवार के सदस्यों को छिपाना पड़ा. उसने कहा, ‘‘देश छोड़ना गलती थी. लेकिन मेरे अपने लोगों ने प्रबंधन के अंदर और कुछ नजदीकी नेताओं ने पीठ में छूरा घोंपा और मुझे परेशान करना शुरू कर दिया. इसलिए मुझे अपने परिवार को छिपाना पड़ा. इसके बाद जो कुछ भी हुआ वह जल्दबाजी में हुआ न कि योजनाबद्ध तरीके से.''
खान ने कहा कि वह 14 जून को लौटना चाहता था लेकिन उसे विमान में नहीं चढ़ने दिया गया और कहा गया कि वह नहीं जा सकता है. खान ने कहा, ‘‘मैं 14 जून को भारत लौटने के लिए हवाई अड्डे पहुंचा लेकिन मुझे विमान में नहीं चढ़ने के लिए कहा गया क्योंकि मुझे कहा गया कि मैं छोड़कर नहीं जा सकता.'' उसने कहा कि 99 फीसदी लोग आईएमए के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं और स्पष्ट किया कि वह पोंजी योजना नहीं चला रहा है.
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उसने पहले आरोप लगाए थे कि कांग्रेस के पूर्व विधायक रोशन बेग ने 400 करोड़ रुपये लिए हैं और वापस नहीं लौटा रहे हैं. कर्नाटक सरकार ने कथित धोखाधड़ी की जांच के लिए 11 सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है जिसके प्रमुख डीआईजी बी आर रविकांत गौड़ा हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने खान को 20 जून को समन जारी कर 24 जून को एजेंसी के सामने पेश होने का निर्देश दिया था.
(इनपुट भाषा से)
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