मुंबई की लोकल ट्रेनों में टीकाकरण पूरा नहीं करने वालों को सफर करने की अनुमति नहीं है. इसके खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने आज कहा कि महाराष्ट्र सरकार का 2021 का वह आदेश ‘अवैध' है जिसमें केवल उन लोगों को ही लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की इजाजत दी गई है जिनका कोविड का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश स्पष्ट रूप से नागरिकों के मौलिक अधिकारों को भी प्रभावित करता है.
सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सरकार से इस मामले में अपनी भूमिका स्पष्ट करने कहा था. आज अदालत में सरकार ने अपनी भूमिका साफ की. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि 25 फरवरी से पहले वह इस पर निर्णय लेगी. यह संभव है कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला लेकर इस नियम को वापस लिया जाए.
बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने कहा कि सरकार के तत्कालीन मुख्य सचिव सीताराम कुंटे द्वारा हस्ताक्षरित तीनों आदेश आपदा प्रबंधन नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया से स्पष्ट रूप से अलग थे.
सरकार के वकील अनिल अंतूरकर ने मंगलवार को अदालत को सूचित किया कि विचाराधीन तीनों आदेश (15 जुलाई, 10 अगस्त और 11 अगस्त, 2021 को जारी किए गए) वापस ले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों की भावना के तहत तीनों आदेश वापस लिए जाते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य कार्यकारी समिति की 25 फरवरी को बैठक होगी जिसके बाद नए निर्देश जारी किए जाएंगे.
पीठ ने कहा कि सोमवार को मुंबई में कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों की संख्या 20 महीनों में सबसे कम थी. पीठ ने कहा, 'हम आशा और विश्वास करते हैं कि राज्य कार्यकारी समिति कोविड-19 के मामलों में कमी की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए 25 फरवरी को कोई उचित निर्णय लेगी.''
कोर्ट ने कहा कि सरकार को उन लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है. सरकार का कहना है कि 25 फरवरी को होने वाली बैठक में वह इस पर फैसला लेगी. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.
(इनपुट भाषा से भी)
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