अल्जाइमर की वजह से अब नहीं जाएगी याददाश्त, IIT ने विकसित किया नया तरीका!

आईआईटी गुवाहाटी की चार सदस्य टीम ने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणु को जमा होने से रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए अल्जाइमर के न्यूरोकेमिकल सिद्धांत का अध्ययन किया. 

अल्जाइमर की वजह से अब नहीं जाएगी याददाश्त, IIT ने विकसित किया नया तरीका!

नई दिल्ली:

आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) के रिसर्चर्स (अनुसंधानकर्ताओं) ने अल्जाइमर (Alzheimer)की वजह से थोड़े समय के लिए जाने वाली याददाश्त को रोकने या कम करने के लिए नए तरीके विकसित करने का दावा किया है. रिसर्चर्स ने दावा किया है कि उनकी रिसर्च में एक अलग तरीका मिला है, जो अल्जाइमर की बीमारी टाल सकता है. चार सदस्य वाली टीम ने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणु को जमा होने से रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए अल्जाइमर के न्यूरोकेमिकल सिद्धांत का अध्ययन किया. 

न्यूरोटॉक्सिक अणु अल्जाइमर के कारण कम अवधि के लिए याददाश्त जाने से जुड़ा है. यह अध्ययन एसीएस केमिकल न्यूरोसाइंस, रॉयल सोसाइटी ऑफ कैमिस्ट्री की पत्रिका आरएससी एडवांसेज, बीबीए और न्यूरोपेपटाइड्स समेत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित हुआ है.

संस्थान के जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर विपिन रामाकृष्णन ने बताया कि अल्जाइमर की बीमारी का इलाज अहम है, खासकर भारत के लिए, जहां चीन और अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा अल्जाइमर के मरीज हैं. 40 लाख से ज्यादा लोगों को इस बीमारी की वजह से याददाश्त खोने का सामना करना पड़ता है. बीमारी का मौजूदा इलाज सिर्फ कुछ लक्षणों को धीमा करता है. अभी तक ऐसा चिकित्सीय दृष्टिकोण नहीं है जो अल्जाइमर के अंतर्निहित कारणों का इलाज कर सके.


उन्होंने कहा कि अल्जाइमर रोग के उपचार के लिए लगभग सौ संभावित दवाएं 1998 और 2011 के बीच विफल रही हैं जो समस्या की गंभीरता को दिखाती है. हमने दिमाग में न्यूरोटॉक्सिक अणुओं को रोकने के लिए निम्न-वॉलटेज इलेक्ट्रिक क्षेत्र और "ट्रोजन पेप्टाइड्स" के इस्तेमाल जैसे कुछ दिलचस्प तरीकों पर काम किया है."

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हर्षल नेमाडे के मुताबिक, टीम ने पाया कि निम्न-वोल्टेज और सुरक्षित इलेक्ट्रिकल क्षेत्र का इस्तेमाल जहरीले न्यूरोडीजेनेरेटिव अणु को बनने और जमा होने से रोक सकता है जो अल्जाइमर की बीमारी में अल्प अवधि के लिए याददाश्त जाने का कारण बनता है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)