भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की अधिकारी देवयानी खोबरागड़े को मीडिया में बयानबाजी करना महंगा पड़ा है। विदेश मंत्रालय ने उन्हें उनके काम से हटा दिया है।
देवयानी को अमेरिका में पिछले साल वीजा धांधली और न्यूयॉर्क में अपनी घरेलू कर्मचारी को कम मेहनताना देने के आरोप में हिरासत में लिया गया था।
कुछ वक्त पहले उन्होंने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उस घटना के बारे में बातचीत की थी। विदेश मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि खोबरागड़े ने इस तरह के बयान देने के लिए पहले से अनुमति नहीं ली थी।
इसी साल जनवरी में भारत लौटने पर देवयानी को विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में निदेशक स्तर का अधिकारी बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक देवायनी खोबरागड़े के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई इसलिए भी की गई, क्योंकि मंत्रालय इस बात से खफा है कि उन्होंने अपने बच्चों के अमेरिकी पासपोर्ट होने की बात जाहिर नहीं की थी।
1999 बैच की आईएफएस अधिकारी खोबरागड़े को अपनी नौकरानी के वीजा आवेदन में झूठी घोषणाएं करने के आरोप में पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 2.5 लाख डॉलर के मुचलके पर रिहा किया गया था। राजनयिक की कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ बंद रखा गया था। उनके साथ इस तरह के व्यवहार के चलते दोनों देशों के बीच तल्खी पैदा हो गई थी। बाद में पूर्ण राजनयिक छूट मिलने के बाद देवयानी भारत लौट आई थीं।
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