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This Article is From Dec 15, 2013

अन्ना हजारे की अरविंद केजरीवाल को दो टूक : बिल नहीं पसंद तो करें आंदोलन

अन्ना हजारे की अरविंद केजरीवाल को दो टूक : बिल नहीं पसंद तो करें आंदोलन
रालेगन सिद्धि में अन्ना हजारे
रालेगणसिद्धि:

अन्ना हजारे ने संसद में विचाराधीन लोकपाल विधेयक के कमजोर होने के आम आदमी पार्टी (आप) के तर्क को खारिज करते हुए रविवार को कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद यदि किसी को लगता है कि उसमें कुछ कमियां हैं, तो उन्हें उसके लिए अनशन करना चाहिए।

जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर रालेगण सिद्धी में अनशन पर बैठ अन्ना ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, मैंने विधेयक के प्रावधानों को ठीक ढंग से पढ़ा है। यदि आपको (केजरीवाल को) लगता है कि विधेयक में कुछ कमियां हैं, तो उसके लिए अनशन करिए। हजारे ने कहा कि विधेयक से उनकी कई उम्मीदें पूरी हो गई हैं और जो विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया है, उससे वह संतुष्ट हैं।

उन्होंने कहा, हमने सिटीजन चार्टर सहित जिन तीन मुद्दों को लेकर पूर्व में आंदोलन किया था, उसे भी पूरा किया गया है। उनके और केजरीवाल के बीच मतभेदों के बारे में पूछे जाने पर हजारे ने कहा, मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, हम झगड़ा क्यों करें।
 हजारे ने कहा, इस विधेयक में सीबीआई पर से सरकारी नियंत्रण हटा दिया गया है। मैंने ऐसे 13 बिंदु देखे और सरकार से कहा है मैं इनका स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा, इसीलिए मैंने सोचा कि यह विधेयक देश की जनता के लिए लाभकारी है।

उन्होंने कहा, मैंने सरकार से कहा कि विधेयक को राज्यसभा में पेश करने के लिए आभारी हूं। इसे सदन के दोनों ही सदनों में पेश कीजिए। यदि जरूरी हो, तो संसद की अवधि बढ़ा दें।

उन्होंने विधेयक का समर्थन करने के लिए कांग्रेस और भाजपा सहित प्रमुख राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया और कहा कि कुछ लोग इसका समर्थन नहीं कर रहे हैं। विधेयक पारित होने के दौरान यदि कुछ हंगामा होता है, तो विधेयक को भले ही हंगामे के बीच पारित करें, लेकिन पारित करें।

उन्होंने कहा, संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त होने में अभी भी पांच दिन शेष हैं। आपकी यदि इच्छा हो तो इस दौरान इसे दोनों सदनों में लाया जा सकता है। यदि समय की कमी है, तो सत्र की अवधि को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दीजिए।

हजारे ने कहा, जब तक विधेयक पारित नहीं हो जाता, मैं अपना अनशन समाप्त नहीं करूंगा। मैं देश के लिए जीना और देश, समाज के लिए संघर्ष करना चाहता हूं। मुझे खारिज करने का अधिकार और वापस बुलाने का अधिकार जैसे मुद्दों को भी उठाना है।

हजारे गत 10 दिसम्बर से ही अपने गांव में यादवबाबा मंदिर के बाहर अनशन पर बैठे हुए हैं। हजारे की सहयोगी किरण बेदी ने कहा, यदि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि वर्तमान विधेयक कमजोर है, तो उन्होंने उसे ठीक ढंग से पढ़ा नहीं है। उन्हें उसे पढ़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विधेयक के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई मामला सीबीआई को सौंपा जाता है, तो सरकार उसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने कहा, केजरीवाल को विधेयक पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, जो लोग लोकपाल को जोकपाल कह रहे हैं, उन्होंने उसे पढ़ा और समझा नहीं है। उन्हें मसौदे का अध्ययन करना और उसके बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।

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