हाफिज सईद पर पाकिस्तानी कार्रवाई को मनीष तिवारी ने महज दिखावा बनाया है
नई दिल्ली:
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान में हिरासत में लिए जाने की घटना को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने एक ढकोसला बताते हुए जमात-उद-दावा प्रमुख को भारत के सुपुर्द करने को कहा है.
अटलांटिक काउंसिल में मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई महज एक ढकोसला है. पाकिस्तानी अगर वाकई में गंभीर हैं तो उसे हाफिज सईद को भारत को सौंपने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पब्लिक डोमेन और भारत की ओर से आधिकारिक माध्यमों के जरिए पाकिस्तान को उपलब्ध कराई गई सामग्री, दोनों ही रूपों में सईद के खिलाफ पर्याप्त ठोस सबूत हैं.
उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकी संगठनों को लेकर कुछ इसी तरह के अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से एक ढकोसला है. संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान में इन आतंकी संगठनों को अस्थायी तौर पर हिरासत में तो लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था. तिवारी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए अमेरिका को पाकिस्तान पर दबाव बनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि या तो अमेरिका आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए या प्रयासों में चुनिंदा रख अपनाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर पाकिस्तान का लोकतांत्रिक शासन आईएसआई एवं उसके तत्वों पर लगाम लगाए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अटलांटिक काउंसिल में मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाई महज एक ढकोसला है. पाकिस्तानी अगर वाकई में गंभीर हैं तो उसे हाफिज सईद को भारत को सौंपने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पब्लिक डोमेन और भारत की ओर से आधिकारिक माध्यमों के जरिए पाकिस्तान को उपलब्ध कराई गई सामग्री, दोनों ही रूपों में सईद के खिलाफ पर्याप्त ठोस सबूत हैं.
उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकी संगठनों को लेकर कुछ इसी तरह के अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से एक ढकोसला है. संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान में इन आतंकी संगठनों को अस्थायी तौर पर हिरासत में तो लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था. तिवारी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए अमेरिका को पाकिस्तान पर दबाव बनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि या तो अमेरिका आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए या प्रयासों में चुनिंदा रख अपनाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर पाकिस्तान का लोकतांत्रिक शासन आईएसआई एवं उसके तत्वों पर लगाम लगाए.
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