हैदराबाद से सांसद और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि अगर देश में नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (National Population Register- NPR) बनाने का शेड्यूल तय हो चुका है तो जल्द ही इसके विरोध का भी शेड्यूल फाइनल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (National Register of Citizens) यानी NRC का पहला चरण नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर है. एक खबर का लिंक शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, "एनपीआर एनआरसी की ओर पहला कदम है. भारत के गरीबों को इस प्रक्रिया में मजबूर नहीं किया जाना चाहिए जिसके परिणामस्वरूप उन्हें 'संदिग्ध नागरिक' के रूप में चिह्नित किया जा सकता है. यदि एनपीआर के काम के शेड्यूल को अंतिम रूप दिया जा रहा है, तो इसका विरोध करने के लिए कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया जाएगा."
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बता दें कि 13 से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने NPR को प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) और हालिया नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) के साथ लिंक करने का विरोध किया है. 2003 में बनाए गए नागरिकता नियमों के अनुसार, एनपीआर भारतीय नागरिक रजिस्टर (NRIC) या NRC के संकलन की दिशा में पहला कदम है.
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एनपीआर का डेटा कलेक्शन पहली बार 2010 में किया गया था और उसे 2015 में अपडेट किया गया था. पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों ने नए एनपीआर में पूछे जाने वाले अतिरिक्त प्रश्नों पर आपत्ति जताई है, जैसे "पिता और माता का जन्म स्थान, निवास स्थान और मातृभाषा" जैसे सवालों पर आपत्ति जताई गई है.
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