Bihar Assembly Elections : बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में यदि बीजेपी अपने गठबंधन के प्रमुख साथी जनता दल यूनाइटेड से ज्यादा सीटें भी लाती है तो भी जेडीयू के नेता नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. सुशील मोदी ने यह बात एनडीटीवी के संवाददाता श्रीनिवासन जैन के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कही.
इस बातचीत के दौरान सुशील मोदी ने एलजेपी और बीजेपी के बीच पर्दे के पीछे से किसी प्रकार के गठबंधन की खबरों को भी खारिज किया. सुशील मोदी ने कहा, "अगर एलजेपी कुछ सीटों पर जेडीयू के खिलाफ लड़ता है और जेडीयू कुछ सीटे हारता भी है तो क्या आपको ऐसा लगता है कि एलजेपी बिना गठबंधन के 2-3 सीटे लाने की ताकत रखती है? एलजेपी बिना गठबंधन के (फिर चाहे वो महागठबंधन हो या एनडीए हो) 2-3 लाने की भी ताकत नहीं है."
एलजेपी वोटकटवा हैं
सुशील मोदी ने कहा कि एलजेपी चाहे कितनी बार भी कहती रहे कि वो एनडीए का हिस्सा है लेकिन मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि एलजेपी कहीं से भी बिहार में एनडीए का हिस्सा नहीं है. सुशील मोदी ने कहा कि "मैं लोगों से कहूंगा कि एलजेपी को अपना वोट देकर वोट खराब ना करें. वो वोटकटवा हैं."
नीतीश ही होंगे सीएम
सुशील मोदी ने कहा कि हमने पहले ही कहा है कि नीतीश कुमार हमारे सीएम होंगे. बीजेपी चाहे कितनी भी सीटें जीतें, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. सुशील मोदी ने यहां साल 2000 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस वक्त हमारे पास जेडीयू से ज्यादा सीटें थी लेकिन फिर भी हमने नीतीश कुमार को ही सीएम बनाया था. उस साल हमारे पास 64 सीटें थी जबकि नीतीश कुमार के पास 36 विधायक थे.
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सुशील मोदी से जब पूछा गया कि अब 2020 में वैसी स्थिति नहीं है, पहले जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में थी. उनकी सीटें आपसे ज्यादा मिली थीं. लेकिन आज आप बराबरी की स्थिति में हैं. दोनों के पास लगभग बराबर सीटें हैं तो आप की स्थिति क्या है? सुशील मोदी ने फिर जोर देर कहा, "मैं एनडीटीवी पर ये घोषणा करता हूं कि नंबर कितने भी हों, लेकिन नीतीश कुमार ही एनडीए की तरफ से सीएम होंगे."
क्यों बांटी बराबर सीटें?
बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी ने बराबर की सीटें क्यों मांगी? जबकि बीजेपी ये जानती थी कि नीतीश की लोकप्रियता में गिरावट आई है और बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ी है? इसके जवाब में सुशील मोदी ने कहा, "इसका जवाब सार्वजनिक मंच पर देना मुश्किल हैं. लेकिन हम बराबर सीटों पर लड़ रहे हैं, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जेडीयू के कोटे से लड़ेगी और वीआईपी पार्टी बीजेपी के कोटे से. वीआईपी पार्टी 11 सीटों पर लड़ रही है. जबकि जेडीयू बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. 121 सीटें बीजेपी की थी, अब हम 110 सीटों पर लड़ रहे हैं. "
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