रामपुर में वाल्मीकि बस्ती के लोगों के अपने मकान ढहाए जाने से बचने के लिए कथित रूप से धर्म परिवर्तन करने की कोशिशों की खबरों पर यूपी सरकार में मंत्री आजम खान बोले, मुझे इस पूरी घटना की कोई जानकारी नहीं है।
अपने विरोधियों और आलोचकों पर निशाना साधते हुए आजम खान ने यहां तक कह दिया कि कौन क्या कहता है, यह सोचने लगा तो एक लम्हा नहीं जी पाऊंगा। वह बोले कि 'मेरी नजर में तो मैं बहुत अच्छा इंसान हूं, कोई रिश्वत नहीं लेता।'
आजम खान ने कहा, 'मैंने समाज के लिए काफी काम किया है और अगर मेरी वजह से देश को खतरा हो तो देश छोड़ दूं।' वह यहां तक बोल गए कि कोई पनाह दे तो मैं देश छोड़ने को तैयार हूं।
रामपुर से जुड़ा क्या है पूरा मामला...
रामपुर में सड़क चौड़ी करने को लेकर एक वाल्मीकि बस्ती पर की जाने वाली कार्रवाई ने अब सांप्रदायिक और राजनीतिक रंग ले लिया है। अपने मकानों को बचाने के लिए वाल्मीकि समाज के कई परिवार अनशन कर रहे हैं।
करीब 800 लोगों का दावा है कि वे अपने घर बचाने के लिए मुसलमान बनने को तैयार हैं। अनशन कर रहे लोगों की मानें तो स्थानीय नगरपालिका के अधिकारियों ने उनसे कहा कि अगर वे अपना घर बचाना चाहते हैं और आज़म खान के गुस्से से बचना चाहते हैं, तो उन्हें मुसलमान बन जाना चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी बोलीं..
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने एक डेलीगेशन के साथ उस जगह का दौरा किया। इस टीम के सदस्यों ने वाल्मिकी समाज के लोगों और प्रशासन से बातचीत की। ये ज़मीन नगरपालिका की है, जिस पर वाल्मीकि समाज के लोग 50 साल से बसे हुए हैं।
शबनम के मुताबिक, ज़मीनी हालात का जायज़ा लेने के बाद उन्हें लगा कि इस सब विवाद के पीछे राजनैतिक लोगों का हाथ था, जो हिंदू-मुसलमान का झगड़ा पैदाकर माहौल ख़राब करना चाहते थे।
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