
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अगर यह कहा जाए कि भारतीय तार्किक होते हैं, मैं सहमत हो जाऊंगा.
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राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे भारत में 200 भाषाएं बोली जाती हैं.
विश्व में कहीं भी इतनी जातीय विविधता नहीं है- राष्ट्रपति
भारत की जनता में एकता का संबंध खोजने की क्षमता है- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे भारत में 200 भाषाएं बोली जाती हैं जबकि देश में सभी प्रमुख सात धर्मों के अनुयायी हैं. विश्व में कहीं भी इतनी जातीय विविधता नहीं है. उन्होंने कहा, 'अगर यह कहा जाए कि भारतीय तार्किक होते हैं, मैं सहमत हो जाऊंगा, लेकिन अगर यह कहा जाए कि भारतीय असहिष्णु होते हैं तो मैं सहमत होने से इंकार करूंगा. असहिष्णुता को कभी जगह नहीं मिली'. उन्होंने कहा, 'मतों में विविधता होगी. भारत की जनता में एकता का संबंध खोजने की क्षमता है'. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के आर्थिक केंद्र के तौर पर उभर रहा असम आसियान देशों के लिए देश के गलियारे के तौर पर काम करने के लिये बिल्कुल सही जगह स्थित है.
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि भारत जल्द ही दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के साथ अपने संबंधों की 25वीं वषर्गांठ मनाएगा. उन्होंने कहा कि असम के महान विद्वान और समाज सुधारक शंकरदेव की शिक्षाएं और इस देश की परंपराएं कभी भी असहिष्णुता को बढ़ावा नहीं देतीं. राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय निवेश और व्यापार के लिये दक्षिण पूर्व एशिया एक अहम जगह है.
असम में 'विकास की प्रचूर संभावनाओं' का जिक्र करते हुये राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग में अंतरदेशीय जल परिवहन प्रणाली यहां के आर्थिक परिदृश्य को बदल सकती है.
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