
नाबालिग लड़की पर यौन हमले के आरोपी आसाराम बापू ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि उन्हें बच्चों का खून पीने वाले ड्रैकुला के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन न्यायालय ने शुक्रवार को उनके मामले में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में समाचारों के प्रकाशन-प्रसारण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
आसाराम के वकील ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सतशिवम की पीठ के समक्ष कहा कि उन्हें (आसाराम को) ड्रैकुला के रूप में पेश किया जा रहा है। इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि न्यायालय मीडिया को पुलिस एवं अन्य स्रोतों से मिली खबर प्रकाशित करने से नहीं रोक सकता।
न्यायालय में आसाराम के वकील ने कहा कि मीडिया में यह खबर दिखाई जा रही है कि उनकी पत्नी और बेटी उनके पास लड़कियां भेजती थीं, इसके जवाब में न्यायालय ने वकील से कहा कि उनका इलाज कुछ और है और सर्वोच्च न्यायालय ही एकमात्र मंजिल नहीं है।
वकील ने न्यायालय से कहा कि वह पूरी मीडिया पर नहीं, बल्कि सिर्फ दो चैनलों पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, जो कि नियमित रूप से आसाराम के बारे में झूठी खबरें प्रसारित कर रहे हैं।
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